इस बार फाउंडेशन ने महिला कविता पाठ का आयोजन किया गया, जिसमें वरिष्ठ कवयित्री अर्चना वर्मा के अलावा अनीता भारती, हेमलता माहिश्वर, आदिवासी कवयित्री नितिशा खलखो, रति अग्निहोत्री, सुजाता तेवतिया, कुलीना कुमारी और विपिन चौधरी ने अपनी कविताओं का पाठ किया।
कार्यक्रम का संचालन सुमन कुमारी ने किया। अंत में रमणिका फाउंडेशन की ओर से रमणिका गुप्ता और दलित लेखक संघ की ओर से अजय नावरिया ने कार्यक्रम पर अपने विचार रखे। वरिष्ठ रचनाकारों की सरपरस्ती में युवा और उदयीमान कलमकारों की साहित्यिक अभिरुचियों को एक मंच देने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम को हर महीने आयोजित करने की योजना है।
अगली गोष्ठी को कविता विधा पर केंद्रित रखने का विचार है। फाउंडेशन का मानना है कि ऐसी कई कवयित्रियां हैं, जिनकी कविता के मुखर स्वर अभी समाज के सामने आने बाकी हैं। यह छोटा प्रयास है किंतु इसकी गूंज दूर तक सुनाई देती है।