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सच बोलने की सजा मिली-पप्पू यादव

“मधेपुरा से राजद सांसद पप्पू यादव को पार्टी ने निष्कासित कर दिया। राजद के इस फैसले से पप्पू निराश नहीं हैं बल्कि वह कहते हैं कि सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ते रहेंगे। आउटलुक से बातचीत में पप्पू का कहना है कि सच बोलने की उन्हें सजा मिली है। प्रस्ततु है बातचीत के प्रमुख अंश-
सच बोलने की सजा मिली-पप्पू यादव

आपको राजद ने पार्टी से निकाल दिया इसके बारे में आप क्या कहेंगे?

सच बोलने की सजा मिली है मुझे। यह राजद का फैसला है और मैं इससे निराश नहीं हूं बल्कि इस फैसले से मुझे और ताकत मिली है कि मैं सामाजिक न्याय की लड़ाई को और बेहतर तरीके से लड़ सकूं। 

कहा जा रहा है कि आपने  राजद के खिलाफ कदम उठाया इसलिए पार्टी ने  निष्कासित किया?

मैंने कोई गलत कदम नहीं उठाया।  बल्कि पार्टी की जो नीतियां रही हैं उनके बारे में बताया। हम सामाजिक न्याय की लड़ाई लडऩे वाले लोग हैं। प्रदेश में दलित के हाथ में नेतृत्व था तो इसमें गलत क्या‍ था? हमें सहयोग करना चाहिए। 

अब आपका अगला कदम क्या होगा?

हम सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ेगे और जो लोग इस विचारधारा के हैं वह हमारे साथ होंगे। इसके लिए नया मंच तैयार किया जाएगा। 

क्या कोई राजनीतिक दल के गठन की योजना है?

संभव है कि राजनीतिक दल बनाकर बिहार में सामाजिक न्याय की लड़ाई को मजबूत करुंगा। 

आपके साथ कौन लोग होंगे?

जो बिहार का दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक समाज है वह हमारे साथ है। आज हमारा संगठन युवा शक्ति पूरे बिहार में अपनी अलग पहचान बनाए हुए है सिर्फ इसलिए कि हम दबे कुचले वर्ग के लिए लड़ते हैं।

लालू यादव के बारे में आपकी क्या राय है?

लालू जी के प्रति मेरे मन में इज्जत है। लेकिन अब वह भटक गए हैं। पार्टी में नेतृत्व का अभाव है, नौजवान बदलाव चाहता है। राजद में संगठन नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। लालू जी से बड़े फैसले लेने की अपेक्षा थी लेकिन उन्हाेने भी कोई निर्णय नहीं लिया। 

आप पूर्व मुख्य‍मंत्री जीतनराम मांझी के समर्थन में खड़े हैं, क्या‍ प्रदेश में कोई नया समीकरण बन रहा है?
नई संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। अगर हम सामाजिक न्याय की बात कर रहे हैं तो हमारे लिए सभी बराबर होने चाहिए। प्रदेश को नई राजनीतिक दिशा की जरूरत है। 

भाजपा के बारे में आपकी क्या‍ राह है?
भाजपा आपस में ही लडऩे वाली पार्टी है। नरेंद्र मोदी के नाम पर लोकसभा का चुनाव जीता जा सकता है, बिहार विधानसभा का नहीं। आज भी भाजपा रामविलास पासवान और उपेंद्र कुशवाहा के सहारे बिहार में जीत के सपने देख रही है जो संभव नहीं दिखता।

क्या आपको लगता है कि बिहार में सियासत में कुछ नया होने वाला है?

बिल्कुल होने वाला है। बिहार का युवा बदलाव चाहता है। इस राज्य में जो भ्रष्ट व्यवस्‍था है उसमें बदलाव चाहता है। जब तक नया नेतृत्व नहीं होगा तब तक बदलाव नहीं होगा। जनता को दिग्‍भ्रमित करके ज्यादा दिन तक शासन नहीं किया जा सकता। सामाजिक न्याय के जो चिंतक थे वह अब बदले-बदले नजर आ रहे हैं। विचारधारा खत्म हो रही है। इसलिए मुझे लगता है कि प्रदेश को नई दिशा की जरूरत है। जो इस विधानसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है। 

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