नतीजों के बाद कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आउटलुक के लिए अतुल बरतरिया ने बात की। संपादित अंश:
चुनाव नतीजों को कैसे देखते हैं आप?
पार्टी ने आशा के अनुरूप ही प्रदर्शन किया है। नतीजों ने साफ कर दिया है कि जनता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूरा भरोसा है और यह यकीन भी किया है कि इस देवभूमि का विकास काम करने वाली भाजपा की डबल इंजन की सरकार ही कर सकती है, न कि कारनामे करने वाली कांग्रेस।
आप कैसे हार गए?
भाजपा हाइकमान ने चुनाव से आठ महीने पहले ही सत्ता में वापसी का लक्ष्य देकर मुख्य सेवक बनाया था। इस लिहाज से मुझे पूरे प्रदेश में काम करना था। मुझे खुशी है कि पार्टी नेतृत्व ने जो लक्ष्य दिया, उसे पूरा किया। पूरे प्रदेश का दायित्व होने की वजह से मैं शायद खटीमा को कम वक्त दे पाया। खटीमा को कुछ ज्यादा वक्त दे पाता तो नतीजा शायद कुछ और ही होता।
क्या सीएम की कुर्सी की दावेदारी है?
मैं भाजपा का एक अदना सा कार्यकर्ता हूं। मुझे इस बारे में कोई भी टिप्पणी नहीं करनी है।
चर्चा है कि आपको फिर सीएम बनने से रोकने के लिए भितरघात किया गया।
मुझे न तो इस बारे में कोई जानकारी है और न ही मुझे इस पर किसी तरह की कोई टिप्पणी करनी है। खटीमा की जनता का फैसला शिरोधार्य है।