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पत्रकारों की सुरक्षा के लिए बने कानून, ऐसी गिरफ्तारी सही नहीं : पुनिया की पत्नी लीलाश्री

स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया को रोहिणी कोर्ट ने 25 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है। जिसके बाद...
पत्रकारों की सुरक्षा के लिए बने कानून, ऐसी गिरफ्तारी सही नहीं : पुनिया की पत्नी लीलाश्री

स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया को रोहिणी कोर्ट ने 25 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है। जिसके बाद पुनिया की पत्नी लीलाश्री का कहना है कि 'पत्रकारों के संरक्षण के लिए ऐसा समय आ गया है कि पत्रकारों की सुरक्षा के लिए अब कानून बनाए जाए, जो उनके जीवन और प्रतिष्ठा की रक्षा करेंगे।

मनदीप को 30 जनवरी की शाम सिंघु बार्डर से पुलिस ने किसानों के विरोध पर रिपोर्टिंग करते हुए गिरफ्तार किया था। उनकी 29 वर्षीय पत्नी लीलाश्री गोदारा आउटलुक को बताती है कि वह रात उनके लिए बहुत मुश्किल थी। उन्हें पुलिस ने अचानक ही गिरफ्तार कर लिया और उन्हें इसकी जानकारी भी नहीं थी। वह बहुत मेहनती पत्रकार हैं और वह पिछले दो महीनों से किसानों के विरोध पर रिपोर्टिंग कर रहे थे। पत्रकारों के खिलाफ हो रही ऐसी कार्रवाई सही नहीं है उनको उनके काम के लिए गिरफ्तार किया जा रहा है, लेकिन मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि हम ऐसी चीजों के आदी होने लगें।

पंजाब विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में पीएचडी करने के बाद लीलाश्री और मनदीप ने 2019 में शादी की थी। पुनिया हरियाणा के झज्जर से हैं और लीलाश्री राजस्थान के बीकानेर से हैं।

लीलाश्री बताती हैं कि मनदीप एक भावुक पत्रकार हैं, जो घंटों किसी कहानी के तथ्यों की जांच करने में बिताते हैं। वह खुद एक किसान हैं, लेकिन वह किसानों को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने भारत के प्रमुख पत्रकारिता संस्थान, नई दिल्ली में IIMC से पत्रकारिता की पढ़ाई की और जहां पत्रकारिता की बात आती है तो बता दूं वह पूरी तरह से पेशेवर हैं।

मनदीप की स्वतंत्र पत्रकारिता के बारे में बताते हुए लीलाश्री कहती हैं कि पुलिस और कोर्ट उसकी पहचान पर सवाल पूछती रही। उनकी गिरफ्तारी से लेकर अदालती कार्यवाही तब उन्होंने उनके पत्रकार होने पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। आप गुगल पर उनका नाम सर्च करें तो पता कई स्टोरी मिल जाएंगी जिससे पता चलता है कि वह पत्रकार हैं, लेकिन अब स्वतंत्र पत्रकारों को किसी भी संगठन या कंपनी से प्रेस कार्ड की बहुत जरूरत है। जिससे उन्हें किसी भी परिस्थिती में सुरक्षा मिल पाए। अब पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कड़े कानून बनाने की काफी जरूरत है।

मनदीप को जमानत देने के बाद दिल्ली कोर्ट के फैसले के बारे में लीलाश्री करती हैं कि मुझे उम्मीद थी कि ऐसा होगा क्योंकि वह निर्दोष हैं। न्यायपालिका और प्रणाली ही इससे निपटने और लोकतंत्र को सुधारने का एकमात्र तरीका है।

दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को नई दिल्ली और हरियाणा के बीच सिंघु बॉर्डर रविवार को रविवार को गिरफ्तार किए गए स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया को जमानत दे दी है। जमानत आदेश में कहा गया है कि यह कानून का एक सुलझा हुआ कानूनी सिद्धांत है कि 'जमानत एक नियम है और जेल एक अपवाद है।'

पत्रकार को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दिल्ली पुलिस ने लोक सेवक को उनके कार्यों के निर्वहन से रोकने के लिए, सार्वजनिक कार्यों पर हमला या आपराधिक बल के निर्वहन में बाधा डालने के लिए गिरफ्तार किया था।

 

 

 

 

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