टीम मोदी के बारे में: सरकार के अंदर कहीं कोई आपसी झगड़ा नहीं है। लोग इसके बारे में बातें करते हैं क्योंकि उन्हें तथ्यों की जानकारी नहीं है। किसी टीम में जब 11 लोग खेल रहे होते हैं तो उनमें आपस में कोई झगड़ा नहीं होता। वहां केवल एक गेंद होती है और हर खिलाड़ी को उसे उसी स्थिति में खेलना होता है जिसके लिए वे प्रशिक्षित होते हैं।
खुफिया सूचनाओं के बारे में: खुफिया सूचना जुटाना आईबी का काम है। सेना यह नहीं कह सकती कि वह खुफिया सूचनाएं जुटाएगी और इसी प्रकार आईबी यह नहीं कह सकती कि वह युद्ध करेगी। इसलिए यहां भी कोई आपसी झगड़ा नहीं है।
सेना-आईबी सहयोग के बारे में: हम सभी अपनी-अपनी पोजिशन के मुताबिक खेल रहे हैं। और इस खेल का कप्तान हो सकता है कि टीम में भी न हो। सुरक्षा एजेंसियां एक बेहद बेहतर गठित टीम के रूप में काम करतीं हैं।
कार्रवाई के बारे में: सुरक्षा मामलों में यह बात मायने रखती है कि आपके साथ क्या हुआ मगर ज्यादा मायने यह रखता है कि आपने जवाबी कार्रवाई किस तरह की। आतंकवादियों के पास हमेशा पहला हमला करने की बढ़त रहती है और इसलिए पहले प्रयास में भी वह ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं।
प्रक्रियागत लक्ष्यों के बारे में: किसी ऑपरेशन की सफलता उसके लक्ष्यों को हासिल करने और लक्ष्य की बाधाओं को दूर करने पर निर्भर है। कोई ऑपरेशन सफल होगा या नहीं यह सिर्फ इसी एक बात से तय होता है कि क्या हम अपने तय लक्ष्यों को हासिल करने में कामयाब हुए और क्या विरोधियों को वह हासिल करने से रोक पाए जो वे हासिल करना चाहते हैं।
भारत की भविष्य की तैयारियों के बारे में: भारत के पास संसाधन हैं, अनुभव है और इसके पास आतंकवाद से निबटने के लिए पूर्णत: प्रेरित सुरक्षा बल है।