विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने रविवार को कहा कि कोविड-19 के ओमिक्रॉन संस्करण पर प्रारंभिक आंकड़ों में वैक्सीन की प्रभावकारिता कम दिख रही है और वेरिएंट ट्रांसमिशन ज्यादा कर रहा है, लेकिन नए वेरिएंट से होने वाली रोगों की गंभीरता कम है।
ओमिक्रोन पर मौजूदा साक्ष्यों की जांच के बाद एक बयान में डब्ल्यूएचओ ने कहा, "ओमिक्रोन का डेल्टा वेरिएंट की तुलना में ज्यादा तेजी से वृद्धि हो रहा है। यह दक्षिण अफ्रीका में डेल्टा वेरिएंट की तुलना में तेजी से फैल रहा है, जहां डेल्टा का ट्रांसमिशन कम था। लेकिन ये अन्य देशों में भी फैल रहा है, जहाँ डेल्टा वेरिएंट के मामले अधिक आए थे, जैसे- यूनाइटेड किंगडम।"
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, "मौजूदा उपलब्ध आंकड़ों को देखते हुए, यह संभावना है कि ओमिक्रोन डेल्टा वेरिएंट से आगे निकल जाएगा।"
25 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में पहली बार इसका पता चलने के दो बाद ही डब्ल्यूएचओ ने इसे 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' घोषणा कर दिया था। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ओमिक्रोन 9 दिसंबर तक 63 देशों में फैल गया है।
डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि मौजूदा उपलब्ध आंकड़ों को देखते हुए, यह संभावना है कि ओमिक्रोन डेल्टा संस्करण से आगे निकल जाएगा और इसका सामुदायिक प्रसारण भी हो सकता है।
हालांकि, ओमिक्रोन से होने वाले संक्रमण में अब तक "हल्के" बीमारी का ही पता चला है। ओमिक्रोन से कोई गंभीर बीमारी उपजता हो ऐसा डेटा फिलहाल मौजूद नहीं है।