दुनियाभर में कोरोना वायरस महामारी के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। इस बीच अमेरिका की बायोटेक कंपनी मॉडर्ना की कोविड-19 की दवा से दुनियाभर में नई उम्मीद जगी है। कंपनी इस महीने 27 जुलाई को फाइनल ह्यूमन ट्रायल करने वाली है। अभी तक इस दवा के जितने ट्रायल हुए हैं उसके नतीजे बहुत सकारात्मक आए हैं। अगर 27 जुलाई को मॉडर्ना का फाइनल ह्यूमन ट्रायल कामयाब होता है तो दुनिया को कोरोना वायरस महामारी से राहत मिल सकती है।
इसका पहला ट्रायल शानदार तरीके से सफल रहा। 45 लोगों को टीका लगाए जाने के बाद यह वैक्सीन इम्युन पैदा करने में सफल रही और सुरक्षित भी पाया गया है। इस वैक्सीन ने प्रत्येक व्यक्ति के अंदर कोरोना से जंग के लिए एंटीबॉडी विकसित किया।
इसकी सबसे बड़ी खासियत यह सामने आई है कि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं रहा, जिससे इसको क्लीनिकल ट्रायल को बीच में रोकना पड़े। मरीजों में अगर शुरुआती दौर में ही एंटीबॉडी बनता है तो इसे बड़ी सफलता माना जाता है। इस टेस्ट में जिन 45 लोगों को शामिल किया गया उनकी उम्र 18 से 55 साल के बीच रही। अब कोरोना वायरस वैक्सीन के लेट स्टेज ट्रायल की तैयारी कर रही है।
कंपनी के अनुसार, 27 जुलाई के आसपास इस ट्रायल को शुरू किया जा सकता है। मोडर्ना ने कहा कि वह अमेरिका के 87 स्टडी लोकेशन पर इस वैक्सीन के ट्रायल का आयोजन करेगी। माना जा रहा है कि तीसरे चरण के ट्रायल के सफल होने के बाद कंपनी कोई बड़ी घोषणा कर सकती है।
वैक्सीन की खोज करने वाले नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अलर्जी एंड इन्फेक्शस डिजीज के डायेक्टर डॉ. एंटोनी फौसी ने इसके आए रिजल्ट्स को गुड न्यूज बताया। उन्होंने कहा कि वैक्सीन से कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं हुआ और इसने काफी ऊंचे स्तर का एंटीबॉडी पैदा किया है।