गुलाब, लेवेंडर, जैसमिन, गुडहर आदि फूलों का उपयोग करके आप प्राकृतिक सौंदर्य प्राप्त कर सकती है। तिल, नारियल, जैतून और बादाम आदि का प्रेसड ऑयल सुगंधिता तेल से बिल्कुल भिन्न होता है। गुलाब, चंदन, मोगरा, चमेली, लवेंडर आदि फूलों की महक सुगंधित तेलों की वजह से होती है और इन फूलों के सुगंधित तेलों को सौंदर्य निखारने में बखूबी प्रयोग किया जाता है। हमें यह सचेत रहने की जरूरत है कि सुगंधित तेलों को दूसरे बादाम, तिल, जैतून तथा गुलाब जल लोशन से मिश्रित करके ही उपयोग में लाना चाहिए और सुगंधित तेलों को विशुद्ध रूप से कभी उपयोग में नहीं लाना चाहिए।
गुलाबजल को त्वचा का बेहतरीन टोनर माना जाता है। थोड़े से गुलाबजल को एक कटोरी में ठंडा करें। कॉटनवूल की मदद से ठंडे गुलाब जल से त्वचा साफ करें और त्वचा को हल्के से थपथपाएं। यह गर्मियों और बरसात में काफी उपयोगी साबित होता है। तैलीय त्वचा के लिए एक चम्मच गुलाबजल में दो-तीन चम्मच नीबूं का रस मिलाएं और इसमें कॉटनवूल पैड डुबोकर चहरा साफ करें। इससे चेहरे पर जमा मैल, गंदगी, पसीने की बदबू हटाने में मदद मिलेगी। ठंडा सत्त तैयार करने के किए जपा पुष्प के फूल तथा पत्तियों को एक तथा छः के अनुपात में रात्रिभर ठण्डे पानी में रहने दें। फूलों को निचोड़कर प्रयोग करने से पहले पानी को बहा दें। इस सत्त को बालों तथा खोपड़ी को धोने के लिए प्रयोग में ला सकते है। इस सत्त या फूलों के जूस में मेहंदी मिलाकर बालों पर लगाने से बालों को भरपूर पोषण मिलता है तथा यह बालों की कंडीशनिंग उपचार के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
गेंदे या केलैन्डयुला के ताजा या सूखे पत्तों का भी प्राकृतिक सौन्दर्य में उपयोग किया जा सकता है। चार चम्मच फूलों को उबलते पानी में डालिये लेकिन इसे उबाले मत। फूलों को 20 या 30 मिनट तक गर्म पानी में रहने दीजिए। इस मिश्रण को ठंडा होने के बाद पानी को निकाल दें तथा मिश्रण को बालों के संपूर्ण रोगों के उपचार के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है। ठंडे पानी से चेहरे को धोने से चेहरे में प्राकृतिक निखार आ जायेगा। इस मिश्रण से तैलीय तथा कील मुहांसों से प्रभावित त्वचा को अत्याधिक फायदा मिलता है।