भारतीय आयुर्विज्ञान शोध परिषद (आइसीएमआर) ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) के उपयोग पर संशोधित एडवाइजरी जारी की है। आइसीएमआर द्वारा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के दायरे को बढ़ाते हुए गैर-कोविड-19 अस्पतालों में काम करने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के अलावा अन्य कई अन्य क्षेत्रों के कर्मियों को भी लेने की सलाह दी है। दरअसल, सरकार ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को एक निवारक दवा के रूप में उपयोग करने की सिफारिश की है। सरकार द्वारा संशोधित एडवाइजरी में गैर-कोविड-19 अस्पतालों में काम करने वाले एसिम्प्टमेटिक हेल्थकेयर, कंटेनमेंट जोन में निगरानी क्षेत्र में तैनात फ्रंटलाइन वर्कर्स और कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़ी गतिविधियों में शामिल पुलिस और अर्धसैनिक बलों को हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा ले सकते हैं।
बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की अध्यक्षता में संयुक्त निगरानी समूह और एम्स, आइसीएमआर, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी, डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के अस्पतालों से जुड़े विशेषज्ञों की कोरोना प्रभावित और गैर-कोरोना प्रभावित इलाकों में काम करने वाले सभी स्वास्थ्यकर्मियों को इस दवा का उपयोग करने को लेकर समीक्षा बैठक में सिफारिश के बाद यह एडवाइजरी जारी की गई।
सरकार ने बढ़ाया हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल का दायरा
हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल आने वाली दवा है। भारत में स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना से बचाव के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्ववीन के इस्तेमाल की इजाजत पहले ही दे दी थी और अब सरकार ने इसके इस्तेमाल का दायरा बढ़ा दिया है। दरअसल, कोरोना वायरस की कोई भी वैक्सीन या दवा अभी तक इजाद नहीं हुई है। ऐसे में वैकल्पिक दवाओं के इस्तेमाल से ही रोगियों को ठीक किया जा रहा है। हेल्थकेयर वर्कर्स को भी संक्रमण से बचाने के लिए अब हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल की अनुमति सरकार ने दे दी है।
लैंसेट ने गिनाए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के नुकसान
भारत ने जहां हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल का दायरा बढ़ा दिया है, वहीं स्वास्थ्य के क्षेत्र में दुनियाभर के रिसर्च प्रकाशित करने वाली मशहूर पत्रिका द लैंसेट का कहना है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन से फायदा मिलने का कोई सबूत नहीं मिला है। साथ ही यह भी दावा किया है कि इसके इस्तेमाल से कोरोना मरीजों की मृत्युदर बढ़ गई है। हालांकि, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर अमेरिका तक ने सकारात्मक रुख अपनाया है।
ट्रंप भी ले रहे हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में खुलासा किया था कि वह कोरोना वायरस से बचाव के लिए जिंक के साथ मलेरिया रोधी दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन ले रहे हैं। इससे पहले अमेरिका सरकार के विशेषज्ञों ने भी कहा था कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन कोरोना वायरस के संक्रमण से होने वाली बीमारी कोविड-19 के इलाज में कारगर नहीं है। ऐसे में पूरे विश्व में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर भ्रम की स्थिति साफ नहीं हुई है। हालांकि, इस बीच भारत सरकार ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन पर अपना भरोसा बढ़ा दिया है।