इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन की परीक्षण प्रक्रिया को एक फास्ट ट्रैक विधि में पूरा करने के लिए भारत बायोटेक और मेडिकल कॉलेजों के प्रमुख जांचकर्ताओं को पत्र लिखा है, ताकि क्लीनिकल ट्रायल के परिणाम 15 अगस्त तक लॉन्च किया जा सके।
भारत बायोटेक को हाल ही में अपने टीके कोवैक्सिन के क्लिनिकल ट्रायल के लिए अनुमति मिली थी।
पत्र में कहा गया है, "यह भारत द्वारा विकसित किया जा रहा पहला स्वदेशी वैक्सीन है और सर्वोच्च प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में से एक है, जिसे सरकार के सर्वोच्च स्तर पर मॉनिटर किया जा रहा है। "
इस वैक्सीन को हैदराबाद की फार्मास्यूटिकल कंपनी भारत बायोटेक ने तैयार किया है। इस वैक्सीन को तैयार करने में भारत बायोटेक और आईसीएमआर साझेदार हैं। भारत सरकार ने इस पहले स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन का अभी 30 जून को ही ह्यूमन ट्रायल करने की अनुमति दी थी भारत बायोटेक की तरफ से बयान जारी कर बताया गया था कि कंपनी ने इस वैक्सीन को आईसीएमआर और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआइवी) के साथ मिलकर इसे विकसित किया है। इस वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक की तरफ से हरी झंडी दे दी गई है।
बता दें कि भारत बायोटेक के के ट्रायल के अलावा जाइडस कैडिला को भी कोविड-19 के लिए विकसित किए जा रहे वैक्सीन के ट्रायल की अनुमित मिल गई है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया ने कोविड-19 वैक्सीन के फ़ेज़ I और फ़ेज़ 2 मानव परीक्षणों को शुरू करने के लिए फ़ार्मास्यूटिकल कंपनी जाइडस कैडिला को अनुमति दे दी है।
आईसीएमआर द्वारा कुल 12 संस्थानों को वैक्सीन के फास्ट ट्रैक क्लिनिकल परीक्षण के लिए कहा गया है क्योंकि यह सर्वोच्च प्राथमिकता वाली परियोजनाएं मानी जा रही हैं जिनकी निगरानी सरकार द्वारा की जा रही है।
डॉ भार्गव ने एक पत्र में कहा,"आपको BBV152 कोविड वैक्सीन के नैदानिक परीक्षण स्थल के रूप में चुना गया है। कोविड-19 महामारी और तात्कालिकता के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल के मद्देनजर, वैक्सीन लॉन्च करने के लिए, आपको संबंधित सभी स्वीकृतियों को तेजी से पूरा करने की सलाह दी जाती है। भार्गव ने विभागीय चिट्ठी में कहा है कि 7 जुलाई से इस वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू होगा जिसमें देरी नहीं होनी चाहिए, जिससे कि इस वैक्सीन को 15 अगस्त को पब्लिक के लिए लांच किया जा सके।
पत्र में आगे कहा गया है, "कृपया ध्यान दें कि गैर-अनुपालन को बहुत गंभीरता से देखा जाएगा, इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि इस परियोजना को सर्वोच्च प्राथमिकता पर मानें और बिना किसी चूक के दिए गए समयसीमा को पूरा करें।"