केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के प्रभावों को कम करने के लिए भारत ने सर्वश्रेष्ठ प्रयास किये हैं और कोरोना वायरस रोगियों के स्वस्थ होने की दर दुनिया में सबसे ज्यादा है जबकि मृत्यु दर सबसे कम है।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, दिल्ली चिकित्सा संघ (डीएमए) के 106वें स्थापना दिवस समारोह में हर्षवर्धन डिजिटल तरीके से शामिल हुए।
उन्होंने कहा कि शुरुआत में कोरोना वायरस नमूनों की जांच के लिए सिर्फ एक प्रयोगशाला थी, लेकिन अब देश में 1,400 से अधिक प्रयोगशालाएं हैं।
हर्षवर्धन के हवाले से बयान में कहा गया, ‘‘हमने कोविड-19 महामारी के असर को कम करने के लिए अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास किये हैं। हमारे देश में संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर दुनिया में सर्वाधिक है जबकि मृत्यु दर सबसे कम है।’’
उन्होंने कोरोना वायरस के खिलाफ अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए जान गंवाने वाले 245 कोरोना योद्धाओं को अपनी श्रद्धांजलि दी जिनमें डॉक्टर, नर्स और अर्द्धचिकित्सा कर्मी शामिल हैं। हर्षवर्धन ने कहा कि भारत डब्ल्यूएचओ द्वारा तय वैश्विक लक्ष्य से पांच साल पहले ही 2025 तक भारत से टीबी के उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि सरकार देश में आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई कार्यक्रम के तहत 2022 के अंत तक डेढ़ लाख वैलनेस केंद्र खोलने को कटिबद्ध है। स्वास्थ्य मंत्री ने 1994 में देश में पहले ‘पल्स पोलियो अभियान’ को सफल बनाने में अहम योगदान के लिए डीएमए के सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले नौ साल में पोलियो का एक भी मामला सामने नहीं आया है।’’