Advertisement

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का ट्रायल फिर होगा शुरू, डब्ल्यूएचओ ने दी मंजूरी

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा को...
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का ट्रायल फिर होगा शुरू, डब्ल्यूएचओ ने दी मंजूरी

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा को कोरोना के इलाज में परीक्षण के तौर पर फिर से शुरू करने की मंजूरी दे दी है। दरअसल, पिछले हफ्ते सुरक्षा का हवाला देते हुए इस पर अस्थाई रोक लगा दी गई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सुरक्षा चिंताओं की वजह से मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का कोरोनावायरस के इलाज के लिए ट्रायल रोक दिया था।

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कोरोना के इलाज में इस दवा के इस्तेमाल पर जोर देने के बाद इसकी मांग दुनिया भर में बढ़ गई थी।

इस दवा के फिर से शुरू करने पर डब्ल्यूएचओ प्रमुख डॉक्टर टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने बुधवार को कहा कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के क्लिनिकल परीक्षण फिर से शुरू होंगे, इससे पहले संगठन ने इस दवा को खतरनाक बताते हुए इसके परीक्षण पर रोक लगा दिया था।

इससे पहले डब्ल्यूएचओ ने क्या कहा था       

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इससे पहले बताया था कि इसने एहतियात के तौर पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का कोरोना वायरस के इलाज के लिए क्लिनिकल ट्रायल अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। संगठन ने पिछले हफ्ते लैंसेंट में छपी एक अध्ययन की रिपोर्ट के बाद यह फैसला लिया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि इस दवा के इस्तेमाल से कोरोना के मरीजों की मौत की संभावना बढ़ जाती है। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी थी।

भारत सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता

बता दें कि महामारी के तेजी से फैलने और कोविड-19 के प्रभावी उपचार की तात्कालिकता को लेकर अमेरिका सहित कई देशों ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर निर्भर होना शुरू कर दिया था। भारत इस दवा का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है और उसने अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात और ब्रिटेन जैसे देशों को इसकी बड़ी मात्रा में आपूर्ति की है।

'हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का कोई प्रमुख दुष्प्रभाव नहीं'

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने 26 मई को कहा था कि भारत में हुए अध्ययनों में मलेरिया-रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का कोई प्रमुख दुष्प्रभाव सामने नहीं आया है और इसका प्रयोग कोविड-19 के एहतियाती इलाज में सख्त चिकित्सा पर्यवेक्षण में जारी रखा जा सकता है। आईसीएमआर का यह बयान ऐसे समय आया था जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि कोविड-19 के संभावित इलाज के लिए चल रहे एक वैश्विक औषधि परीक्षण से, सुरक्षा संबंधी चिंता के मद्देनजर वह अस्थायी रूप से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को हटाएगा।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad