दोस्ती का रिश्ता बहुत खास होता है। दोस्त और अच्छे दोस्त का कोई तयशुदा फार्मूला नहीं होता। कई बार चार-पांच लोगों के समूह में भी उतनी गाढ़ी दोस्ती हो जाती है, जितनी दो लोगों में। लेकिन आपको पता है दोस्ती के प्रगाढ़ हो जाने के पीछे भी बहुत सारे तथ्य होते हैं।
हाल ही में कम्युनिकेशन के प्रोफेसर जैफरी हॉल ने इस पर अध्ययन किया है। यह अध्ययन जरनल ऑफ सोशल एंड पर्सनल रिलेशनशिप में प्रकाशित हुआ है। अपने अध्ययन में हॉल ने समझाया है कि कैसे दोस्त बनते हैं और दोस्ती के अलग-अलग स्टेज से गुजरते हुए लोगों को कितना वक्त लगता है।
हॉल और उनके सहकर्मियों ने इस प्रक्रिया को समझने के लिए एक ऑनलाइन टूल बनाया और इसके माध्यम से देखा कि लोग अपने दोस्तों के कितने करीब हैं।
अध्ययन के पहले भाग में 355 लोगों पर सर्वे किया गया। इनमें वे वयस्क व्यक्ति थे जो नए दोस्तों की तलाश में थे।
उनसे ऐसे लोगों के बारे में सोचने को कहा गया जिनसे वे दोस्त की तलाश के दौरान मिले थे और कैसे उनकी दोस्ती पनपी, के बारे में पूछा गया। उन्हें बताना था कि वे उस व्यक्ति के कितने करीब थे और कितने घंटे साथ बिताते थे। साथ ही उन्हें जान पहचान, औपचारिक दोस्त, दोस्त और करीबी दोस्त की चार श्रेणियों को क्रम भी देना था।
दूसरे भाग में 112 छात्रों से पूछा गया कि ऐसे दो लोग कौन हैं जिनसे वे स्कूल शुरू होने के दो हफ्ते पहले से से मिल रहे हैं। शोधकर्ताओं ने चार और सात सप्ताह बाद देखा कि दोस्ती बरकरार है या नहीं। परिणाम से पता चला कि दोस्ती में आरामदायक स्थिति में आने में 40 से 60 घंटे लगते हैं। 80 से 6 घंटे दोस्त बनने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं जबकि अच्छा दोस्त बनने के लिए यह समय अवधि 200 घंटे होती है।