कोरोना से देश में अब तक एक लाख से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं, रिकवरी रेट में लगातार इजाफा हो रहा है। अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि कोरोना का इलाज आयुर्वेद और योग से हो सकता है। मंत्रालय की तरफ से इस बाबत विस्तृत गाइडलाइंस और प्रोटोकॉल जारी किया गया है।
हालांकि, प्रोटोकॉल में सिर्फ कोरोना के माइल्ड और मोडेरेट मामलों के इलाज की बात कही गई है। गंभीर मामलों में ये कारगर नहीं बताया गया है। इसके लिए मरीजों को कोरोना अस्पताल में इलाज करवाना अनिवार्य है। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना मरीजों के इलाज में ट्रायल के दौरान आयुर्वेदिक दवाओं और योग के प्रामाणिक रूप से प्रभावी पाए गए हैं। इसके बाद ये फैसला किया गया है।
विशषज्ञों द्वारा तैयार की गई प्रोटोकॉल में मरीजों के लिए विस्तृत सलाह दी गई है। कौन-कौन सी आयुर्वेदिक दवाएं कितनी मात्रा में कितनी बार देनी हैं। इस बात की जानकारी दी गई है। इसमें योग के बारे में भी बताया गया है।
नीति आयोग के सदस्य और कोरोना पर बनी टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ. वीके पॉल के मुताबिक, प्रोटोकॉल तैयार हो जाने के बाद देश के सभी आयुर्वेदिक अस्पतालों में कोरोना मरीजों का एक समान प्रामाणिक इलाज सुलभ हो सकेगा। आयुर्वेदिक डॉक्टर किसी माइल्ड या मोडरेट मरीज को होम आइसोलेशन के दौरान इन दवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं।