भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने बुधवार को विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा को आपत्तिजनक मैसेज भेजने के आरोप में टॉक शो होस्ट बोरिया मजूमदार पर दो साल का बैन लगाया है। बीसीसीआई समिति ने बोरिया को साहा को एक इंटरव्यू को लेकर डराने-धमकाने का दोषी पाया है।
बोर्ड की ओर से बैन किए जाने का मतलब है कि अगले दो सालों तक मजूमदार बीसीसीआई या बीसीसीआई से जुड़े किसी भी स्टेट बोर्ड के स्टेडियम के अंदर एंट्री नहीं कर पाएंगे और ना ही उन्हें बोर्ड की ओर से मीडिया मान्यता दी जाएगी। साथ ही उन्हें बोर्ड द्वारा रजिस्टर्ड किसी भी खिलाड़ी का इंटरव्यू नहीं मिलेगा।
बता दें कि इसमामले की शुरुआत साल की शुरुआत में 19 फरवरी को हुई थी जब बंगाल के विकेटकीपर बल्लेबाज साहा ने ट्वीट किया था: “भारतीय क्रिकेट में मेरे सभी योगदानों के बाद … मुझे एक सम्मानित पत्रकार की ओर से ये सब सहना पढ़ रहा है! पत्रकारिता कहां चली गई है।”
साहा ने नाम छुपाकर अपनी चैट के स्क्रीनशॉट भी साझा किए। मैसेज में साहा से कहा गया, “तुमने फोन नहीं किया। मैं फिर कभी आपका इंटरव्यू नहीं करूंगा। मैं अपमान को सहजता से नहीं लेता. और मुझे ये याद रहेगा।”
After all of my contributions to Indian cricket..this is what I face from a so called “Respected” journalist! This is where the journalism has gone. pic.twitter.com/woVyq1sOZX
— Wriddhiman Saha (@Wriddhipops) February 19, 2022
मामले के सोशल मीडिया पर फैसले के बाद बीसीसीआई ने साहा से संपर्क किया और आधिकारिक शिकायत दर्ज करवाई, जिसके बाद बोर्ड ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया, जिसमें उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला, कोषाध्यक्ष अरुण सिंह धूमल और शीर्ष परिषद के सदस्य प्रभातेज सिंह भाटिया शामिल थे। इस समिति ने बुधवार को अपने फैसले में मजूमदार को भारतीय क्रिकेटर को धमकाने का दोषी पाया।