पिछले 10 दिनों से जंग के बीच यूक्रेन में मौजूद भारतीयों को निकालने के लिए अभियान जारी है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि युद्धग्रस्त यूक्रेन के खारकीव शहर में फंसे सभी भारतीय छात्रों को निकाल लिया गया है। मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदर बागची ने कहा, 'अब खारकीव में कोई भारतीय स्टूडेंट नहीं फंसा है। हमारा मेन फोकस अब सूमी शहर पर है। वहां पर हिंसा और ट्रांसपोर्टेशन की कमी हमारे लिए चुनौती बनी हुई है। सबसे अच्छा विकल्प युद्धविराम होगा।'
विदेश मंत्रालय ने कहा कि समस्या सूमी में है। हम दोनों पक्षों से संघर्ष विराम के लिए दृढ़ता से आग्रह करते हैं, आशा है कि यह जल्द ही होगा क्योंकि गोलाबारी होगी, जिससे जान जोखिम में पड़ सकती है। हमारे छात्रों के लिए एक सुरक्षित गलियारा बनाने के लिए तत्काल युद्धविराम के लिए कई चैनलों के माध्यम से रूस और यूक्रेन की सरकारों पर जोरदार दबाव डाला जा रहा है।
बागची ने बताया कि पिछले 24 घंटों में 15 फ्लाइट भारत पहुंचीं हैं जिनमें लगभग 2900 भारतीयों को निकाला गया है। ऑपरेशन गंगा के तहत 63 उड़ानें अब तक लगभग 13,300 भारतीयों को लेकर भारत पहुंचीं हैं। अगले 24 घंटों में 13 और फ्लाइट शेड्यूल हैं। अब हम देखेंगे कि अब भी कितने और भारतीय यूक्रेन में हैं। दूतावास उन लोगों से संपर्क करेगा, जिनके वहां होने की संभावना है, परन्तु अभी तक उन्होंने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है।
10वें दिन रूस ने थोड़ी देर के लिए हमला रोकने का ऐलान किया था ताकि यूक्रेन के आम लोग इधर से उधर ट्रैवल कर सकें और अपने जरूरत के सामान को खरीद सकें. लेकिन इस बीच यूक्रेन ने रूस पर गंभीर आरोप लगाया है कि रूस ने अपने ही ऐलान के बाद सीजफायर तोड़ा है।