बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स के दूसरे दिन महिलाओं के वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू ने 49 किलोग्राम भारवर्ग में भारत को गोल्ड मेडल दिला दिया है। उन्होंने स्नैच में सबसे अधिक 88 किलोग्राम वजन उठाते हुए रिकॉर्ड बनाया, जबकि क्लीन एंड जर्क में पहली ही कोशिश में 109 किलोग्राम उठाते हुए गोल्ड मेडल अपनी झोली में डाल दिया। उन्होंने 2018 में भी गोल्ड जीता था। यह भारत का तीसरा मेडल है। इससे पहले वेटलिफ्टिंग में ही 21 साल के संकेत महादेव सरगर ने सिल्वर और गुरुराजा पुजारी ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था।
मीराबाई ने स्नैच में सबसे अधिक वजन 84 किलोग्राम वजन उठाया। दूसरी कोशिश में उन्होंने 88 किलोग्राम उठाया। यह उनका नेशनल रिकॉर्ड भी है। हालांकि, वह तीसरे अटेप्ट में 90 किलोग्राम उठाने में असफल रहीं। इसके बावजूद वह दूसरे वेटलिफ्टरों से आगे रहीं। मीराबाई चानू ने 49 किलोग्राम भारवर्ग में 80 किलो वजन उठाने का चुना। पहले राउंड में कनाडा की हनाह कमिंस्की सबसे अधिक 72 किलो का वजन उठाया।
मीराबाई चानू ने गोल्डकोस्ट में हुए 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीता था। 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों में भी मीराबाई ने सिल्वर मेडल पर कब्जा किया था। एक बार फिरब बर्मिंघम गेम्स में चानू ने शानदार प्रदर्शन कर इतिहास रच दिया। टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता। कर्णम मल्लेश्वरी के बाद ओलंपिक में गोल्ड जीतने वाली दूसरी भारतीय वेटलिफ्टर बनी। 2020 के एशियन चैम्पियनशिप में ब्रान्ज मेडल जीता।