दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। चुनाव में भाजपा के मुद्दे, रणनीति और केजरीवाल सरकार के कामकाज को लेकर चंदन कुमार ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी से बातचीत की। मुख्य अंशः
विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा के क्या मुद्दे होंगे?
हमने टॉप 5 एजेंडा रखा है। पहला, घर-घर नल से जल। शुद्ध जल दिल्ली को देना हमारी प्राथमिकता है। दूसरा, ट्रांसपोर्ट व्यवस्था को दुरुस्त करना। दिल्ली को 20000 बसों की जरूरत है, लेकिन इस समय मात्र 2800-3000 बसें रह गई हैं। जबकि 2015 में 8000 बसें थीं। तीसरा, स्वास्थ्य सेवा में सुधार करना। मोहल्ला क्लीनिक के नाम पर दिल्ली को सिर्फ धोखा दिया गया है। हमने रियलिटी चेक किया और करीब 130 मोहल्ला क्लीनिक खोलने की बात कही गई, लेकिन जब हमने चेक किया तो मुश्किल से 60-65 मोहल्ला क्लीनिक चल पा रहा है, जबकि बाकी में बस डिब्बा रख दिया गया है। मोहल्ला क्लीनिक क नाम पर भ्रष्टाचार भी मिला है। किराया के नाम पर अपने कार्यकर्ताओं को दे दिया और वह चल नहीं रहा है। हमने लोगों को 5 लाख रुपये तक का आयुष्मान योजना दिया, लेकिन दिल्ली में उसे रोका गया है। उसे हम तुरंत लागू करेंगे। चौथा, यमुना नदी पर दिल्ली सरकार का कोई ध्यान नहीं है। केंद्र सरकार की योजना को दिल्ली सरकार ने लागू नहीं किया। यमुना की सफाई और उसे कैसे पर्यटन का केंद्र बना सकते हैं, इस पर काम करेंगे। यमुना रिवर फ्रंट के साथ-साथ टूरिज्म सेंटर बनाना है। फिर पांचवां, दिल्ली को प्रदूषण से मुक्त करना, ये पांच चीजें भाजपा की प्राथमिकता में है।
पानी, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर आप की सरकार की तारीफ होती है, लेकिन इन्हीं मुद्दों पर भाजपा लगातार आप पर हमला करती है। क्या कहना चाहेंगे?
आप दिल्ली के किसी भी कॉलोनी में जाइए और पूछिए लोगों से कि आपको पानी मिल रहा है, तो लोग यह सुनकर गुस्से में आक्रामक हो जा रहे हैं। या तो पानी नहीं है और है तो इतना गंदा है कि पी नहीं सकते। लोग पानी खरीदकर पी रहे हैं। दूसरी बात आप अस्पतालों में जाकर देख लीजिए कि कैसे मरीज परेशान हैं। अफरातफरी मची है। शिक्षा के नाम पर इन्होंने एक-दो स्कूलों के सैंपल कमरे बना दिए। जैसे कोई बिल्डर सैंपल फ्लैट बनाता है, वैसे ही इन्होंने सैंपल कमरे बना दिए। उन दो स्कूलों के बाद बाकी के स्कूलों की क्या स्थिति है? हमने एमसीडी के स्कूल बनाए हैं। प्रति कमरा 9 लाख रुपये का खर्च आता है, जबकि ये जो बना रहे हैं उस पर 25-28 लाख रुपये खर्च बता रहे हैं। शिक्षा के नाम पर 5 लाख बच्चे ड्रॉप आउट कर दिया। 10वीं के नतीजे खराब न हो, इसके लिए 9वीं में बच्चों के फेल कर देते हैं। मतलब बच्चा पास होने लायक नहीं है तो उसे परीक्षा में बैठने ही नहीं देंगे। यह तो दिल्ली सरकार की सबसे बड़ी असफलता है। प्रदूषण की क्या स्थिति है। जब प्रदूषण आएगा, तो पराली को दोष देंगे। एमसीडी का फंड रोक दिया। क्या कूड़े का पहाड़ की चिंता दिल्ली सरकार की नहीं होनी चाहिए। आप कहते हैं कि यह एमसीडी का काम है, वही करे। हम फंड लाए और उसके लिए काम कर रहे हैं। हम डेढ़ साल में भलस्वा के कूड़े के पहाड़ को खत्म कर देंगे। सड़कों की स्थिति खराब है। छोटी सड़कें एमसीडी के पास है, लेकिन उसके लिए फंड नहीं देते हैं। ये कैसी राजनीति हुई।
लोकसभा चुनाव में आपका प्रदर्शन शानदार रहा। सात में सात सीटें जीती। 2014 में भी ऐसा ही था। लेकिन यही सफलता विधानसभा में क्यों नहीं दोहरा पाए। इस बार क्या लग रहा है?
2013 में आम आदमी पार्टी आई। लोगों को आप का इतिहास-भूगोल पता नहीं था, तो लोगों ने इन्हें चुना। ये कसम खाते थे कि कांग्रेस के साथ नहीं जाएंगे, फिर उनके साथ सरकार बना लिए और 49 दिनों में छोड़कर भाग भी गए। लोगों को भ्रम था कि यह अच्छी पार्टी है, इसे एक बार पूरा मौका देना चाहिए, तो 2015 में दे दिया। अब तो कुछ पहचानना बाकी नहीं है। अब तो केजरीवाल जी का पूरा एक्स-रे हो चुका है। इस बार लोगों के पास विकल्प है कि जो भाजपा पूरे देश और राज्य में अपने राज्य को सर्वोत्कृष्ट बना रही है, तो उसे इस बार चुनेंगे। अब तो आप को जांच परख लिए। अगर दिल्ली बेहाल है और 20 साल से भाजपा सरकार में नहीं है, तो एक बार भाजपा को मौका दे दीजिए और अगर सब ठीक है तो कोई समस्या ही नहीं है।
मुख्यमंत्री का चेहरा कौन है?
अभी तो कोई चेहरा घोषित नहीं किया गया है। दिल्ली में हम पार्टी के अध्यक्ष हैं, तो देखेंगे कि क्या करना है। हमारी पार्लियामेंट्री बोर्ड है, उसका जो फैसला होगा, वही माना जाएगा। इस सवाल पर पार्टी विचार कर रही है। सही समय पर फैसला हो जाएगा। मैं पार्टी अध्यक्ष हूं, तो पार्टी को जीताना मेरी ही जिम्मेदारी है।
पार्टी के अंदर खींचतान जो चल रही है, जैसे कहा जाता है कि आपके और विजय गोयल के बीच मतभेद हैं। इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
यह बिलकुल ही निराधार है। आप मनोज तिवारी, भाजपा और मोदी सरकार में कमी निकाल नहीं पाएगी तो वह कहेगी कि आपस में फूट है। आप तो खुद बिखर गई। आज कुमार विश्वास कहां, योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण कहां हैं। कहां हैं अलका लांबा। कांग्रेस आपस में ही सरफुटौव्वल है। संदीप दीक्षित लिखते हैं कि चाको ने शीला दीक्षित को मार दिया। भाजपा एकजुट है। मैं सौभाग्यशाली हूं कि विजय गोयल, हर्ष वर्धन, रमेश बिधुड़ी, परवेश वर्मा जैसे नेता हमारे पास हैं। सभी मेरे निर्देशों को मानते हैं। कोई एक ऐसी घटना बता दे कि ऐसा कुछ हुआ हो कि आपस में मतभेद है।
अरविंद केजरीवाल प्रधानमंत्री मोदी को लेकर बहुत आक्रामक रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों में मोदी पर सीधा हमला करने से वे बचते रहे हैं। इसकी क्या वजह है?
यही उनका गिरगिटिया रंग है। वह दिल्ली को फिर से धोखा देना चाहते हैं। दिल्ली के लोगों को दिखाना चाहते हैं कि मैं अच्छा हूं। लेकिन जैसे ही बोलते हैं जहर निकलता है। एक दिन बोले बिहार से 500 रुपये का टिकट लेकर आते हैं 5 लाख का इलाज कराकर जाते हैं। एक दिन बोल दिए एनआरसी आया तो पहले मनोज तिवारी को हटाएंगे। बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों को हटाएंगे। तो आप पूर्वांचल के लोगों को अवैध घुसपैठिया समझते हैं। केजरीवाल जी की दिक्कत है कि चुप रहेंगे तो ठीक, लेकिन जैसे ही बोल रहे हैं तो उनकी गंदगी बाहर निकल आ रही है। वास्तव में अरविंद केजरीवाल जी दिल्ली के लिए अभिशाप बन गए हैं।
एनआरसी पर आपका जोर क्यों है?
कानून-व्यवस्था को संभालने के लिए हर मुद्दे पर तो बात करनी पड़ेगी। एनआरसी जरूरी है, क्योंकि विदेशों से जो लोग घुसपैठ करके आ रहे हैं, वे अपराध करके निकल जाएंगे उन्हें पकड़ेंगे कैसे। उनकी पहचान ही नहीं है। जनता को सरकार की तमाम योजनाओं का लाभ देना है, तो अपने लोगों को चिह्नित तो करना ही पड़ेगा। अवैध विदेशी घुसपैठियों की संख्या बहुत खतरनाक है और हम उन्हें सजा देने की बात नहीं कर रहे हैं। उन्हें कहेंगे अपने देश जाइए। लेकिन अरविंद केजरीवाल जी को क्यों दिक्कत हो जाती है। दिल्ली में 80 फीसदी अपराध में ऐसे ही अवैध घुसपैठियों का हाथ है।