नई दिल्ली, अखिल भारतीय शिक्षा मंडल (एबीएसएम) के अधिकारियों ने आज आईपी यूनिवर्सिटी का दौरा किया और संकाय सदस्यों के साथ संवाद और चर्चा में शामिल हुए, जिसका उद्देश्य भारतीय शिक्षा प्रणाली में सुधार करना था। प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य स्वदेशी भारतीय शिक्षा प्रणाली की अवधारणा साझा करने के लिए विचारशील लोगों के साथ बातचीत करना था।
मेहमानों का स्वागत करते हुए पद्मश्री प्रोफेसर (डॉ.) महेश वर्मा ने कहा, "युवाओं को एकजुट करना और अनुसंधान और शिक्षा के माध्यम से स्वदेशी समाधान खोजना विश्वविद्यालय का मुख्य ध्येय है। नई शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत, विश्वविद्यालय परिसर में भारतीय शिक्षा और संस्कृति को बढ़ावा देने का लक्ष्य है।" उन्होंने शोध छात्रों से ‘विकसित भारत के लिए दृष्टि' विषय पर शोध पत्र जमा करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
एबीएसएम के संगठन सचिव श्री शंकरानंद ने कहा, "शिक्षा प्राप्त करने और प्रदान करने का सहयोगपूर्ण तरीक़ा भारत को विश्वगुरु बनाएगा।" उन्होंने कहा कि नीतियों, बुनियादी ढांचे और कार्य संस्कृति के स्तर पर हमें और सुधार की ज़रूरत है, लेकिन समाधान नियमित संचार के माध्यम से प्राप्त किए जा सकते हैं। प्रतियोगिता की बजाय सहयोग से राष्ट्र का विकास हो सकता है। भौतिक विज्ञान के साथ- साथ हमें आध्यात्मिक विज्ञान की भी ज़रूरत है।बिना दिशा के गति हमें गंतव्य तक नहीं ले जा सकती।उन्होंने कहा कि भोजन, दवा और शिक्षा सब को सुगमता से मिलनी चाहिए।
यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ. कमल पाठक ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। विश्वविद्यालय के कई वरिष्ठ संकाय सदस्य इस अवसर पर उपस्थित थे। प्रतिनिधिमंडल में श्री गणपति, सचिव और श्री राजेश चोपड़ा, उपाध्यक्ष सहित अन्य लोग शामिल थे।