जंग के बीच गुरुवार को फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की। करीब 90 मिनट तक बातचीत के बाद मैक्रों ने कहा कि ''पुतिन पूरे यूक्रेन पर कब्जा करना चाहते हैं। यूक्रेन में सबसे बुरा होना बाकी है।''
रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला बोला था। इसके बाद से पुतिन और मैक्रों के बीच दूसरी वार्ता थी। रूसी सेना लगातार कीव, खारकीव और चेर्निहिव समेत यूक्रेन के कई शहरों पर हमले कर रही है। एपी के मुताबिक, यूक्रेन के उत्तरी शहर चेर्निहिव पर रूस के हमले में कम से कम 22 नागरिक मारे गये, बचावकर्मी मलबे में अन्य लोगों की तलाश कर रहे हैं।
एक रणनीतिक बंदरगाह पर रूसी सेना ने कब्जा कर लिया है और दूसरे को घेर लिया है। इसके साथ ही मॉस्को अपने पड़ोसी को काला सागर से काटने की कोशिश कर रहा है। रूसी सेना ने गुरुवार को कहा कि 2,80,000 लोगों की आबादी वाले खेरसॉन पर उसका नियंत्रण है, जो पिछले हफ्ते रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद से कब्जे में जाने वाला पहला बड़ा शहर है।
हमलों के बीच बेलारूस की सीमा पर रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधियों ने बैठक की। इसमें यूक्रेन ने रूस से तुरंत युद्ध खत्म करने की मांग रखी. और शहरों में फंसे आम लोगों को निकासी के लिए रास्ते देने की बात कही। जंग के कारण दस लाख से अधिक लोग यूक्रेन की सीमाओं को छोड़कर जा चुके हैं और सैकड़ों लोगों की जानें जा चुकी है।
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन को चेतावनी दी है कि उसे ‘असैन्यीकरण’ की क्रेमलिन की मांग को फौरन स्वीकार कर लेना चाहिए और नाटो में शामिल होने की अपनी कोशिश छोड़कर खुद को तटस्थ घोषित कर देना चाहिए। पुतिन लंबे समय से कह रहे हैं कि यूक्रेन का पश्चिमी जगत की ओर रुख करना मॉस्को के लिए खतरा है। रूस की तीन शर्तों में शामिल था कि क्रीमिया पर रूसी संप्रभुता की मान्यता, यूक्रेन का विसैन्यीकरण और विमुद्रीकरण और यूक्रेन की तटस्थ स्थिति सुनिश्चित करना। साथ ही लगाए गए प्रतिबंधों के बाद पुतिन ने पश्चिम को 'झूठों का साम्राज्य' करार दिया।