हिंदी सिनेमा के बॉलीवुड हो जाने से पहले एक दौर था जब इसमें कुंदन लाल सहगल का विशिष्ट स्थान था। अपनी खास अदायगी और गाना गाने के अलग ढंग के कारण सहगल उन दिनों बहुत नाम कमा रहे थे। उनकी गायिकी की प्रसिद्धि का आलम यह है कि आज भी उनके मुरीदों की संख्या में कमी नहीं आई है।
आज यानी 11 अप्रैल को उनका 114वां जन्मदिन है। के एल सहगल के नाम से पहचाने जाने वाले इस गायक की शानदार और अनोखी शैली की वजह से ही आज सर्च इंजन गूगल ने उनके ऊपर डूडल बना कर उन्हें याद किया है। यह डूडल विद्या नागराज ने बनाया है।
के एल सहगल को हिंदी सिनेमा का पहला सुपरस्टार भी कहा जाता है। 11 अप्रैल 1904 को जन्में सहगल ने न सिर्फ हिंदी बल्कि दूसरी भाषाओं में भी काम किया था। 1932 से लेकर 1947 तक उनके अभिनय और गायिकी की धूम थी। हालांकि उन्हें गायक के तौर पर ज्यादा पहचाना जाता है और इसी से उन्हें ज्यादा शोहरत भी मिली। उन्होंने 36 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और 185 से ज्यादा गाने गाए।
शुरुआती दौर में प्रसिद्ध गायक मोहम्मद रफी सहगल की शैली में गाने का प्रयास करते थे। दरअसल गायकों पर उन दिनों सहगल की बहुत गहरी छाप हुआ करती थी। किशोर कुमार ने एक साक्षात्कार में कहा भी था कि वह अपनी वास्तविक शैली भूल कर सहगल की शैली को हूबहू उतारने का अभ्यास किया करते थे। सहगल ने संगीत की कोई पारंपरिक शिक्षा नहीं ली थी। 1932 में उन्हें न्यू थिएटर ने पहला मौका दिया और उसके बाद पुराण भगत, भक्त सूरदास, तानसेन में गाने गाकर उन्होंने खूब नाम कमाया।