केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि गृह मंत्रालय (एमएचए) मणिपुर में जातीय विभाजन को पाटने के लिए जल्द से जल्द मैतेई और कुकी दोनों समुदायों से बात करेगा। मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करते हुए शाह ने निर्देश दिया कि पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा करने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार गृह मंत्री ने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो केंद्रीय बलों की तैनाती बढ़ाई जाएगी और राज्य में शांति और सौहार्द बहाल करने के लिए उन्हें रणनीतिक रूप से तैनात किया जाना चाहिए। शाह ने यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि राज्य में हिंसा की कोई और घटना न हो, जहां एक साल से अधिक समय से जातीय हिंसा हो रही है।
बयान में शाह के हवाले से कहा गया कि गृह मंत्रालय जल्द से जल्द जातीय विभाजन को पाटने के लिए दोनों समूहों, मैतेई और कुकी से बात करेगा। उन्होंने मणिपुर के मुख्य सचिव को विस्थापित लोगों के लिए उचित स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाएं और उनके पुनर्वास को सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया। गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र पूर्वोत्तर राज्य के सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
शाह ने राहत शिविरों में स्थिति की भी समीक्षा की, खासकर भोजन, पानी, दवाओं और अन्य बुनियादी सुविधाओं की उचित उपलब्धता के संबंध में। उन्होंने चल रहे जातीय संघर्ष को हल करने के लिए समन्वित दृष्टिकोण के महत्व को रेखांकित किया। बयान में कहा गया है कि केंद्र राज्य में सुरक्षा स्थिति को मजबूत करने में मणिपुर सरकार का सक्रिय रूप से समर्थन कर रहा है। बहुसंख्यक मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में राज्य के पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के बाद 3 मई, 2023 को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी। तब से जारी हिंसा में कुकी और मैतेई दोनों समुदायों के 220 से अधिक लोग और सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं।