प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ की मीटिंग को संबोधित करते हुए सभी सदस्य देशों से अपील की कि वे एक-दूसरे को आगे बढ़ने के लिए रास्ता दें। व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि हमें इस पर विचार करना चाहिए कि कैसे कारोबार और संपर्क को बढ़ा सकते हैं।
उज्बेकिस्तान के समरकंद में एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधन के दौरान कहा, हम भारत को एक विनिर्माण हब बनाने पर प्रगति कर रहे हैं। इस वर्ष भारत की अर्थव्यवस्था में 7.5% वृद्धि की आशा है जो विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक होगी। उन्होंने कहा हम जन-केंद्रित विकास मॉडल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा, 'हम स्टार्टअप्स और इनोवेशन पर एक स्पेशल वर्किंग ग्रुप की स्थापना करके एससीओ के सदस्य देशों के साथ अपना अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं।' प्रधानमंत्री ने कहा,भारत में 70,000 से अधिक स्टार्ट-अप हैं, जिनमें 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं। उन्होंने कहा हम स्टार्टअप्स और इनोवेशन पर एक स्पेशल वर्किंग ग्रुप की स्थापना करके एससीओ के सदस्य देशों के साथ अपना अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि SCO के सदस्य देश, वैश्विक गिनती में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देते हैं और विश्व की 40 प्रतिशत जनता भी SCO देशों में निवास करती है। भारत SCO सदस्यों के बीच अधिक सहयोग और आपसी विश्वास का समर्थन करता है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कोराना महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध ने ग्लोबल सप्लाई चेन को बाधित किया है। ऐसे में हमारा लक्ष्य भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने पर है। बता दें अगले साल शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन को भारत मेजबानी करेगा। इस मौके पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इसके लिए भारत को बधाई दी। उन्होंने कहा, "हम अगले साल भारत की अध्यक्षता में होने वाली बैठक का समर्थन करते हैं। वहीं, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी भारत को अगले साल शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए बधाई संदेश दिया।