शेफाली वर्मा ने अगर ‘ गॉड्स प्लान’ टैटू बनवाया तो महिला वनडे विश्व कप में भारत की खिताबी जीत के बाद साबित हो गया कि वाकई ईश्वर ने उनके लिये कुछ अच्छा ही सोचकर रखा था ।
फॉर्म में चल रही सलामी बल्लेबाज प्रतिका रावल के चोटिल होने के कारण सेमीफाइनल से पहले भारतीय महिला क्रिकेट टीम में आई शेफाली फाइनल में अर्धशतक और दो विकेट से साथ ‘प्लेयर आफ द मैच’ रहीं ।
मुंबई में अगस्त के महीने में भारत की विश्व कप टीम का ऐलान करते हुए पूर्व मुख्य चयनकर्ता नीतू डेविड ने मीडिया को आश्वासन दिया था कि 21 वर्ष की शेफाली के लिये रास्ते बंद नहीं हुए हैं ।
वनडे टीम में प्रतिका रावल के अच्छे प्रदर्शन से शेफाली के लिये राह मुश्किल जरूर हो गई थी । लेकिन प्रतिका की चोट ने उनके लिये रास्ते खोल दिये जब वह सूरत में सीनियर महिला टी20 टूर्नामेंट खेल रहीं थीं । वह आस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल से पहले टीम से जुड़ीं ।
उन्होंने सेमीफाइनल से पहले डी वाई पाटिल स्टेडियम और उसके यूनिवर्सिटी मैदान पर एक एक घंटे के दो अभ्यास सत्रों में भाग लिया ।
सेमीफाइनल से पहले उन्होंने मीडिया से कहा था ,‘‘ प्रतिका के साथ जो हुआ, वह अच्छा नहीं था । कोई नहीं चाहता कि खिलाड़ी चोटिल हो लेकिन भगवान ने मुझे कुछ अच्छा करने के लिये भेजा है ।’’
आस्ट्रेलिया के खिलाफ वह पांच गेंद में दस रन ही बना सकी लेकिन फाइनल में 87 रन बनाकर भारत के सात विकेट पर 298 रन के विशाल स्कोर की नींव रखी ।
रविवार के फाइनल से पहले 30 वनडे में उन्होंने सिर्फ पांच बार गेंदबाजी की थी लेकिन कप्तान हरमनप्रीत कौर ने जब उन्हें गेंद सौंपी को सभी को हैरानी हुई ।
हरमनप्रीत ने मीडिया से कहा ,‘‘ जब शेफाली टीम से जुड़ी तो हमें प्रतिका की गेंदबाजी की कमी भी महसूस हो रही थी । हमने देखा कि घरेलू क्रिकेट में शेफाली गेंदबाजी भी कर रही है । मैने उससे बात की तो उसने कहा कि वह पूरे दस ओवर भी डाल सकती है ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ जब लौरा वोल्वार्ट और सुने लूस के बीच चौथे विकेट के लिये 52 रन की साझेदारी हो गई तो मुझे लगा कि शेफाली को गेंद देनी चाहिये । मुझे लगा कि आज उसका दिन है और गेंदबाजी में भी वह कुछ कर सकती है ।’’
यह तो समय ही बतायेगा कि शेफाली टीम में जगह बनाये रखेंगी या प्रतिका के आने पर बाहर होंगी लेकिन उन्होंने अपना नाम तो इतिहास में दर्ज करा लिया है ।