फ़िल्म 'मनिहार' ग्रामीण जीवन पर आधारित एक ऐसी फ़िल्म है जो लोगों को सहज ही अपनी जड़ों की याद दिलाएगी। फ़िल्म के तमाम गीतों को भी ठेठ देसी अंदाज़ में लिखा और संगीतबद्ध किया गया है। फ़िल्म के पहले गाने 'चूड़ी पहना दे' की सफलता के बाद अब फ़िल्म का दूसरा गाना 'देसी पीके' भी ज़ी म्यूज़िक द्वारा रिलीज़ कर दिया गया है। पहले गाने की तरह इस गाने को भी लोगों का बढ़िया रेस्पॉन्स मिल रहा है।
ग़ौरतलब है कि गांव में चूड़ी बेचने वाले शख़्स की कहानी के इर्द-गिर्द रची गई फ़िल्म 'मनिहार' के मस्ती भरे गाने 'देसी पीके' को अपनी मदमस्त आवाज़ राहिला ख़ान ने दी है। इस गाने को ठेठ देसी अंदाज़ में लिखा है एच. एम. माल्या ने और देसी अंदाज़ में गाने को आसिफ़ चांदवानी ने संगीतबद्ध किया है।
उल्लेखनीय है कि फ़िल्म के बाक़ी गाने भी रिलीज़ किये गये पहले दो गानों की तरह ही बेहद कर्णप्रिय हैं, जिन्हें एक-एक कर जल्द रिलीज़ किया जाएगा. फ़िल्म के ताज़ा गीत 'देसी पीके' को लेकर फ़िल्म के निर्देशक संजीव कुमार राजपूत कहते हैं, 'देसी पीके एक ऐसा मस्ती भरा गाना है जिसे सुनकर हर कोई झूम उठेगा। हमने फ़िल्म में हर भाव से जुड़े गानों का इस्तेमाल किया है, मगर हमने इस बात का पूरा ख़्याल रखा है कि हर गाने का अंदाज़ फ़िल्म की कहानी के अनुरूप ठेस देसी हो।"
ग़ौरतलब है कि जयश्री मूवी प्रोडक्शन्स और एम. एस. स्टूडियोज़ के बैनर तले बनी फ़िल्म 'मनिहार' बहुत जल्द देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज़ की जाएगी। फ़िल्म की निर्माता नम्रता सिंह कहती हैं, "गांवों की कहानियों और ग्रामीण जीवन की झलक दिखलाती फ़िल्में अब यदा-कदा ही बनती हैं। आज की पीढ़ी तो ग्रामीण जीवन से पूरी तरह से अनजान है। इसी के चलते हमने 'मनिहार' के निर्माण के बारे में सोचा। उम्मीद है कि दर्शकों को हमारी ये कोशिश ज़रूर पसंद आएगी।"
उल्लेखनीय है कि फ़िल्म में चूड़ी बेचने वाले और रतौंधी के शिकार शख़्स का रोम बदरूल इस्लाम ने बखूबी निभाया है। बदरूल इस्लाम के अलावा फ़िल्म में पंकज बेरी, सनी ठाकुर, रौशनी रस्तोगी, एहसान कुरैशी, कृष्णा भट्ट, रमेश गोयल जैसे कलाकारों ने भी फ़िल्म में अहम भूमिकाएं निभाईं हैं।
फ़िल्म के निर्माता मयंक शेखर कहते हैं, "हमारी फ़िल्म में ग्रामीण जीवन की सादगी और गांवों की सरल-सहज दिनचर्या की महत्ता का एहसास हर दर्शक को होगा। फ़िल्म के गीत-संगीत में भी ग्रामीण जीवन की झलक देखने को मिलेगी। आज की पीढ़ी के लोगों को 'मनिहार' ज़रूर देखनी चाहिए।"