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विकास और खुशहाली ला रहा योगिनॉमिक्स

वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश की जनता ने विशाल जनादेश देकर प्रदेश में राजनीतिक नेतृत्व में ही परिवर्तन...
विकास और खुशहाली ला रहा योगिनॉमिक्स

वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश की जनता ने विशाल जनादेश देकर प्रदेश में राजनीतिक नेतृत्व में ही परिवर्तन नहीं किया था बल्कि उत्तर प्रदेश का परसेप्शन बदलने के लिए योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आगे बढ़ने का निर्णय भी लिया था। वह एक श्रेष्ठ नेतृत्व के साथ ही एक अलग विकास मॉडल अथवा इकोनॉमिक मॉडल की अपेक्षा भी करता था ताकि उत्तर प्रदेश बीमारू प्रदेश की श्रेणी से बाहर निकलकर एक प्रगतिशील, आत्मनिर्भर, सर्वश्रेष्ठ बिजनेस डेस्टिनेशन और बाजार की दृष्टि से बेहतर प्रतियोगी राज्य बन सके। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दायित्व ग्रहण करने के साथ ही अंतिम पंक्ति के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक विकास को पहुंचाने, महिलाओं को सुरक्षा और सम्मान के साथ स्वावलम्बी बनाने और युवाओं के हुनर को अवसरों के पंख देने की प्रक्रिया शुरू की। उन्होंने ने केवल कुछ बेहद महत्वपूर्ण फैसले लिए या गवर्नेंस की मैकेनिज्म को बदला बल्कि प्रदेश को डिवेलपमेंट का एक ऐसा मॉडल दिया जो ‘ईज आफ डूइंग बिजनेस’ में प्रदेश को अव्वल बनाकर व्यवसायियों और निवेशकों का विश्वास हासिल करे, प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ बिजनेस डेस्टिनेशन बनाए, राज्य घरेलू उत्पाद (स्टेट डोमेस्टिक प्रोड्यूस) की ग्रोथ रेट को तीव्र, समावेशी और धारणीय बनाये और बुनियादी ढांचे व हास्पिटैलिटी को बेहतर बनाकर ‘ईज आफ लाइफ’ के मंत्र को साकार करे। इस मॉडल में प्रदेश की युवा मानव पूंजी को केवल जॉब सीकर नहीं बल्कि जॉब प्रोवाइडर बनाकर युवा स्किल और नॉलेज को व्यापक फलक देकर प्रदेश की प्रगति में श्रेष्ठ सहयोगी बनाने  का मंत्र भी निहित है ताकि उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर प्रदेश में ट्रांसफार्म किया जा सके। उत्तर प्रदेश में आबादी का सबसे बड़ा घटक या तो कृषि कार्य में संलग्न है अथवा उसकी जीविका कृषि पर ही निर्भर है। इसलिए यह आवश्यक था कि किसान को वित्तीय सहयोग देने के साथ ही नॉलेज फार्मिंग से जोड़ने की व्यूह रचना बनायी जाए ताकि वह प्रगतिशील एवं आत्मनिर्भर बनकर प्रदेश की ग्रोथ न केवल बढ़ाए बल्कि अपनी आय को दोगुना करते के उद्देश्यों को पूरा करते हुए प्रदेश की इकोनॉमी को 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी में परिवर्तित करने में सहयोगी बन सके। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिस इकोनॉमिक मॉडल (योगिनॉमिक्स) पर आगे बढ़े उसके आयामों में शामिल हैं- बिजनेस एनवायरमेंट; गुड गवर्नेंस, इन्फ्रास्ट्रक्चर; कनेक्टिविटी;प्रोडक्शन एवं प्रोक्योरमेंट; डिवेलपमेंट आफ मार्केट मैकेनिज्म, शिक्षा; स्वास्थ्य; कल्चरल इकोनॉमी; देशज उत्पादों की ब्रॉण्डिंग, मार्केटिंग तथा फैसलिटेशन; कृषि में अनिश्चितता को दूर करने के साथ-साथ नॉलेज आधारित खेती को प्रोत्साहन; सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम पर विशेष फोकस; स्टेट जीडीपी में वृद्धि के साथ-साथ अधिक से अधिक रोजगार के अवसर पैदा हो सकें; मेक इन इंडिया की तर्ज पर ‘मेक इन यूपी’ को प्रोत्साहन ताकि उत्तर प्रदेश को मैन्यूफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित किया जा सके; गोवंश का संरक्षण एवं संवर्घन ताकि पारिस्थतिकी और अर्थव्यवस्था के बीच बेहतर संतुलन बना रहे,.....आदि। 

दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश जिस रूप में मिला था उसे ट्रांसफार्म करने में समय लगना था क्योंकि पिछली सरकारें जिस मिसगवर्नेंस और अदक्ष कार्यप्रणाली को प्रोत्साहित करती रही थीं उसमें लीकेज की संभावनाएं बहुत थीं। इस प्रकार की लीकेज एक तो वित्तीय प्रवाह के बड़े भाग को गंतव्य तक पहुंचने से पहले ही सोख लेती है और दूसरी तरफ यह करप्टबिलिटी को प्रोत्साहन व संरक्षण भी देती है। परिणाम यह होता कि विकास या तो धीमा रहता है या फिर अवरुद्ध हो जाता है और रोजगार के अवसर भी पैदा नहीं हो पाते। ये दोनों स्थितियां आर्थिक चक्र को बेहद कमजोर करती हैं और बाजार को निराशावादी माहौल की ओर धकेल देती हैं। शायद यही वजहें रहीं कि देश की सर्वश्रेष्ठ और उर्वरा धरती बीमारू प्रदेश के नाम से सम्बोधित हुयी। उस दौर में हम इतिहास के उन पृष्ठों को भी भूल गये थे जहां लिखा है कि गंगा के इसी मैदान पर इतिहास का पहला साम्राज्य बना था और इतिहास का पहला नगरीकरण यहीं सम्पन्न हुआ था। शायद इस स्थिति को देखते हुए ही प्रधानमंत्री मोदी ने इन्वेस्टर्स समिट 2018 के दौरान कहा था कि उत्तर प्रदेश में वैल्यूज हैं, वर्चूज हैं लेकिन वैल्यू एडीशन नहीं है जिसकी बदले हुए समय में सबसे ज्यादा आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले साढ़े तीन से पौने चार वर्षों में पॉलिसी, पोटैंशियल, प्लानिंग, परफार्मेंस एवं परफेक्शन के स्तर पर जो वैल्यू एडीशन किया है जिसके कारण प्रदेश ट्रांसफॉर्म हुआ तथा संभावनाओं का प्रदेश बना। आज न केवल देश में बल्कि दुनिया के अन्य देशों में प्रदेश की स्ट्रेंथ और पोटैंशियल को स्वीकार किया जा रहा है। यही वजह है कि आज सैमसंग जैसी कम्पनियां चीन से निवेश वापस लेकर सीधे उत्तर प्रदेश आ रही हैं, ज्यूरिख एयरपोर्ट अथाॅरिटी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बना रही है, मुंबई की फिल्म इण्डस्ट्री उत्तर प्रदेश की ओर देख रही है, पर्यटन के साथ स्प्रिचुअल इकोनाॅमी में यूपी एक अग्रणी राज्य बन रहा है। यही नहीं भारत के प्राचीन वैभव के प्रतिनिधि अयोध्या, काशी, प्रयाग व मथुरा-वृंदावन के पुनरुद्धार के साथ ही मुख्यमंत्री योगी जिस पौराणिक वैभव को लौटाने का कार्य कर रहा है उससे दुनिया भर में बसे भारतवंशियों को इमोशनल कनेक्ट उत्तर प्रदेश के साथ स्थापित हो रहा है। हमें विचार करना होगा- कुंभ तो पहले भी होता था लेकिन क्या 2019 के कुंभ जैसा होता था। अयोध्या में दिवाली तो पहले भी होती थी लेकिन क्या आज जैसी होती थी। होली तो पहले भी होती थी लेकिन मुख्यमंत्री योगी के आने के बाद बरसाना में जैसी होती पहले वैसी ही होती थी। क्या काशी की देवदीपावली वर्ष 2020 की देवदीपावली जैसी होती थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ये पहलें सामान्य उत्सवों के उदाहरण मात्र नहीं हैं बल्कि ये भारत के गौरव की पुनरस्थापना के विभिन्न पायदान हैं जो दुनिया में बसे करोड़ों भारतीयों व भारतवंशियों को अयोध्या, मथुरा/वृंदावन, काशी आदि से जोड़ते हैं। ये न केवल सांस्कृतिक पुनरुत्थान व आध्यात्मिक रेनेसां के प्रतिनिधि हैं बल्कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कल्चरल इकोनाॅमी में वैल्यू एडीशन के श्रेष्ठ उपादान भी हैं। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रॉडक्ट’ पर आधारित एक होलिस्टिक इकोनॉमिक सिस्टम को आगे बढ़ाया। इसमें ‘परकैपिटा रूरल डोमेस्टिक प्रोड्यूस’ में परिवर्तन लाने की क्षमता तो है ही बल्कि इसमें सोशियो-इकोनॉमिक संरचना को बदलने की भी क्षमता है। उत्तर प्रदेश के पास स्किल्ड ह्यूमन कैपिटल थी लेकिन शेष चीजों का अभाव था जिसमें प्रमुख हैं- विज़़नरी लीडर, कनेक्टिविटी और निर्णय लेने की क्षमता। इसका परिणाम यह हुआ कि निवेश व उत्पादन की महान क्षमता होते हुए भी उत्तर प्रदेश इससे वंचित रहा। यहां एक्सपर्टाइज एफीसियंसी की इंटरलिंकिंग नहीं थी, एक्सपर्टाइज मार्केट कमजोर था इसलिए ब्राण्डिंग और मार्केटिंग के स्तर पर उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था पीछे रह जाती थी। लेकिन पिछले पौने चार वर्षों में मुख्यमंत्री ने जिस इनोवेटिवनेस, टाइमबाउंड, ट्रांसपैरेंट तरीके से कमिटमेंट के साथ जो कार्य किये हैं उनके चलते प्रदेश तेजी से आगे बढ़ा और देश व दुनिया के समक्ष अपनी अवधारणा बदलने में कामयाब हुआ। 

इन्फ्रास्ट्रक्चर किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए लाइफ लाइन की तरह होता है। आने वाले एक से दो वर्षों में प्रदेश के पास देश के सबसे बड़े और बेहतर एक्सप्रेस का संजाल होगा और इसके साक्षी बनेंगे डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे, गंगा एक्सप्रेस वे, स्टेट हाइवेज तथा ईस्टर्न व वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर्स और नेशनल व इण्टरनेशनल एयरपोर्ट्स। प्रदेश एक तरफ लॉजिस्टिक्स हब में परिवर्तित होगा और दूसरी तरफ श्रेष्ठ इनवेस्टमेंट डेस्टिनेशन के रूप में। ये सब मिलकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था के ग्रोथ इंजन का काम करेंगे। टूरिज्म को इकोनॉमिक ग्रोथ के मल्टीप्लायर के तौर माना जाता है। पिछले लगभग साढ़े तीन वर्षों में अयोध्या का दीपोत्सव, प्रयाग का कुंभ, मथुरा का रंगोत्सव, काशी की देव दीपावली और अयोध्या का पुनरुद्धार, काशी का नवीकरण, मथुरा व वृंदावन का सौंदर्यीकरण, रामायण परिपथ का निर्माण...आदि आने वाले समय में प्रदेश की स्प्रिचुअल इकोनॉमी में वैल्यू एडीशन का काम करेंगे जिससे लाखों रोजगार पैदा होंगे।  

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को प्लेसमेंट, प्रास्पैरिटी, पीस, परफार्मेंस, प्रोग्रेसिवनेस के साथ आगे ले जा रहे हैं वह लगभग प्रत्येक क्षेत्र में वैल्यू एडीशन करेगा जिससे प्रदेश एक श्रेष्ठ मार्केट प्लेयर और इकोनॉमिक काम्पिटीटर बनने में सफल होगा। प्रदेश के 5 लाख युवा अगले वर्ष तक (2017 से 2021 के कालखण्ड में) रोजगार पा चुके होंगे। शतप्रतिशत इनरोलमेंट के साथ बच्चे कायाकल्प कर चुके प्राथमिक स्कूलों में अपडेटेड तकनीक के साथ पढ़ रहे होंगे। मातृशक्ति सुरक्षा और सम्मान के साथ आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने के प्रतिमान गढ़ रही होगी। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाइयां एक नया इतिहास लिखने के साथ-साथ ‘मेक इन यूपी’ को निर्णायक गति देते हुए दिखेंगी। ये न केवल कृषि और भारी उद्योग आधारित अर्थव्यवस्था के बीच सेतु का काम करेंगी बल्कि ये बैकवर्ड लिंकेज की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने में भी सफल होंगी। देश का किसान केन्द्र और राज्य की योजनाओं से वित्त पोषित होकर या अन्य सहयोग पाकर नए परिवेश में बाजार अर्थव्यवस्था नए प्रतिस्पर्धी के रूप में अपनी पहचान बनाने की अग्रसर होगा। अंतिम पंक्ति के अंतिम पायदान पर खड़ा व्यक्ति प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संरक्षण में नयी आशाओं के साथ प्रदेश की सम्पन्न के इतिहास में साझीदार बनने की ओर अग्रसर होगा। फिलहाल मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के परसेप्शन, परफेक्शन, पोटैंशियल और परफार्मेंस के स्तम्भों पर खड़े होकर विकास की नई पटकथा लिख रहा है।

(लेखक आर्थिक एवं अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार हैं। ये इनके निजी विचार हैं)

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