महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि एक लाख से अधिक शिकायतों ने, जानबूझकर की जा रही ‘‘लव जिहाद’’ की साजिश को उजागर किया है, जहां हिंदू महिलाओं को फर्जी पहचान का इस्तेमाल करके पुरुषों द्वारा शादी के लिए झांसा दिया गया। विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) पर निशाना साधते हुए फडणवीस ने दावा किया कि हाल के लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र के 48 निर्वाचन क्षेत्रों में से 14 में ‘‘वोट जिहाद’’ देखा गया।
सोमवार शाम को कोल्हापुर शहर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए फडणवीस ने ऐसे उदाहरणों की ओर इशारा किया, जिसमें महिलाओं को अंतर-धार्मिक विवाह के लिए धोखा दिया गया और बाद में बच्चों को जन्म देने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
फडणवीस की टिप्पणी पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन पर संवैधानिक शपथ का उल्लंघन करने का आरोप लगाया और माफी की मांग की।
गृह विभाग का कार्यभार संभाल रहे फडणवीस ने कहा, ‘‘एक दशक पहले हम सोचते थे कि लव जिहाद की बात इक्का दुक्का घटना है। हमें लगता था कि यह कोई साजिश नहीं है। अब हमने देखा है कि एक लाख से अधिक शिकायतें मिली हैं, जिनमें हिंदू महिलाओं को दूसरे धर्मों के पुरुषों के साथ भागकर शादी करने का झांसा दिया गया।’’
फडणवीस ने यह स्पष्ट किया कि वह अंतर-धार्मिक विवाहों के खिलाफ नहीं हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता फडणवीस ने कहा, ‘‘कई मामलों में लोगों ने शादी के लिए फर्जी पहचान का इस्तेमाल किया और अपने बारे में गलत जानकारी दी। इन लोगों ने बच्चे होने के बाद अपने जीवनसाथी को भी छोड़ दिया।’’
फडणवीस ने कहा, ‘‘यह प्रेम का कृत्य नहीं है, बल्कि यह एक सोची समझी साजिश है और यह लव जिहाद है। यह हमारे धर्म की महिलाओं को धोखा देने और उन्हें बिगाड़ने का एक तरीका है।’’
भाजपा नेता ने ‘‘वोट जिहाद’’ का मुद्दा उठाते हुए धुले लोकसभा क्षेत्र के नतीजों का हवाला दिया, जहां एमवीए उम्मीदवार ‘‘मालेगांव सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ सामूहिक मतदान’’ के कारण विजयी हुआ।
फडणवीस ने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव में वोट जिहाद देखा गया। धुले निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार पांच विधानसभा सीटों में 1.90 लाख वोटों से आगे थे। हालांकि, मालेगांव सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र में मतदान के कारण हमारे उम्मीदवार 1.94 लाख वोटों से पीछे रह गए और सिर्फ 4,000 वोटों से चुनाव हार गए।’’
उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम चाहे जो भी हों, असली चिंता कुछ लोगों के बढ़ते आत्मविश्वास को लेकर है, जो सोचते हैं कि अगर वे बड़ी संख्या में मतदान कर सकें तो वे हिंदुत्ववादी ताकतों को हरा सकते हैं, भले ही वे अल्पसंख्यक हों। फडणवीस ने कहा कि यह जागने का समय है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में 48 लोकसभा क्षेत्रों में से 14 सीटों पर वोट जिहाद देखा गया। हिंदू धर्म ने कभी भी अन्य धर्मों का अपमान नहीं किया, सहिष्णुता हमारे खून में है। अगर कोई हिंदू विरोधी नेताओं को शीर्ष पदों पर चुनने के लिए वोट दे रहा है तो मैं हिंदुत्व को जगाने की जरूरत पर जोर देता हूं।’’
फडणवीस ने हिंदुओं के चोरी छिपे धर्मांतरण पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ मामलों में, लोगों के भारतीय नाम होते हैं। लेकिन उनकी मृत्यु के बाद उन्हें दफना दिया जाता है और एक क्रॉस स्थापित कर दिया जाता है। हमारे सामने सबसे बड़ा खतरा यह है कि कुछ धर्म के लोगों की संख्या कागजों पर कम दिखती है, लेकिन वास्तव में, अधिक लोगों का गुप्त रूप से धर्मांतरण कराया गया है। हमें जागने और अपने धर्म की रक्षा करने की आवश्यकता है।’’
फडणवीस की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि भाजपा नेता को पता होना चाहिए कि छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना में मुस्लिम योद्धा थे। पटोले ने कहा, ‘‘फडणवीस इतिहास में कमजोर हैं। शिवाजी महाराज की सेना में मुस्लिम योद्धा थे। उन्हें माफी मांगनी चाहिए।’’
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि फडणवीस की टिप्पणी राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा केवल जिहाद, मस्जिद, हिंदू-मुस्लिम और भारत-पाकिस्तान के बारे में बात करती है। अगर वे इन चार शब्दों का इस्तेमाल नहीं करते हैं, तो उनके उम्मीदवार चुनाव में जमानत खो देंगे। यह भाजपा के लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला एक पैटर्न है।’’
कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने आरोप लगाया कि फडणवीस ने ‘‘वोट जिहाद’’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करके संविधान के मूल्यों का अपमान किया है। सावंत ने कहा, ‘‘फडणवीस ने ऐसी का इस्तेमाल करके अपनी संवैधानिक शपथ का उल्लंघन किया है। भाजपा को आत्मचिंतन करना चाहिए कि मुसलमान उन्हें वोट क्यों नहीं देते।’’