जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और कई अन्य को दिल्ली की सीमा पर हिरासत में लिये जाने के खिलाफ मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गयी।
याचिकाकर्ता के वकील ने मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ के समक्ष मामले को सूचीबद्ध करने का उल्लेख किया।
अदालत ने मामले को मंगलवार को सूचीबद्ध करने से इनकार करते हुए इस बात पर सहमति व्यक्त की कि यदि अपराह्न साढ़े तीन बजे तक उसके काम की स्थिति सामान्य हो जाती है तो मामले को तीन अक्टूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।
वांगचुक और कई अन्य लोगों को लद्दाख के लिए छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर राजधानी की ओर मार्च करते समय दिल्ली सीमा पर कथित तौर पर हिरासत में लिया गया है। वांगचुक, एक महीने पहले लेह से शुरू हुई ‘दिल्ली चलो पदयात्रा’ का नेतृत्व कर रहे है। उन्हें और लद्दाख के लगभग 120 अन्य लोगों को सोमवार रात हिरासत में लिया गया।
पदयात्रा का आयोजन ‘लेह एपेक्स बॉडी’ द्वारा किया गया था, जो पिछले चार साल से ‘करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस’ के साथ मिलकर लद्दाख के लिए राज्य का दर्जा दिए जाने और इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने, लद्दाख के लिए लोक सेवा आयोग के साथ ही शीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू करने और लेह एवं करगिल जिलों के लिए अलग लोकसभा सीटों की मांग को लेकर आंदोलन का नेतृत्व कर रही है।