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ई-सिगरेट पर प्रतिबंध की जरूरत नहीं, रखें ‌नियम से नियंत्रणः एक स्वैच्छिक संस्था

देश में ईएनडीएस के व्यापार प्रतिनिधियों की एक स्वैच्छिक संस्था इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी...
ई-सिगरेट पर प्रतिबंध की जरूरत नहीं, रखें ‌नियम से नियंत्रणः एक स्वैच्छिक संस्था

देश में ईएनडीएस के व्यापार प्रतिनिधियों की एक स्वैच्छिक संस्था इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम्स ने केंद्र और दिल्ली सरकार से बुधवार को ई-सिगरेट की बिक्री और खपत को विनियमित करने की अपील की है। संस्‍था की मांग है ‌कि  इसके उपयोग पर "प्रतिबंध" की जरूरत नहीं है।

एसोसिएशन ने कहा कि उसने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को एक ताजा पत्र लिखकर, "पश्चिमी देशों में ईएनडीएस पर किए गए शोध" के आधार पर उद्योग के परिप्रेक्ष्य को साझा करने की मांग की है।

ईएनडीएस वो उपकरण है जो घोल को गर्म करते हैं ताकि एक एरोसोल बना सके, जिसमें अक्सर फ्लेवर भी होते हैं, आमतौर पर इसे प्रोपलीन ग्लाइकोल और ग्लिसरीन में भंग कर दिया जाता है। ई-सिगरेट के विभिन्न प्रकार हैं, जैसे ई-सिगरेट, हीट-नॉट-बर्न डिवाइस, वेप, ई-शीशा और ई-निकोटीन फ्लेवर्ड हुक्का अन्य।

यह अपील दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा केजरीवाल सरकार को ई-सिगरेट की बिक्री और खपत को विनियमित करने के मामले में तत्काल नजर रखने के निर्देश के एक दिन बाद आई है। साथ ही इसे एक ज्वलंत मुद्दा भी करार दिया क्योंकि इससे उनके बच्चों को नुकसान हो रहा था, जिन्होंने इन उत्पादों के सेवन की शुरुआत कर दी थी।

इसके अलावा, एपेक्स रिसर्च बॉडी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने हाल ही में ई-सिगरेट सहित ईएनडीएस पर "पूर्ण" प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी, उसका कहना है कि इसका उपयोग धूम्रपान न करने वालों में निकोटीन की लत को शुरू कर सकता है।

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