उर्दू के मशहूर लेखक सआदत हसन मंटो बहुत ही प्रतिभावान थे। उनकी प्रतिभा को प्रदर्शित करता हुआ एक क़िस्सा बड़ा मशहूर है। एक रोज़ मंटो अपने प्रकाशक के पास पहुंचे। प्रकाशक ने मंटो से पूछा कि आपने कोई नई कहानी लिखी ?। इस पर मंटो ने कहा कि अभी लिख देता हूं, मुझे कोई बहुत वक्त थोड़े ही लगता है।
ऐसा कहकर मंटो ने प्रकाशक से काग़ज़ मांगा। फिर प्रकाशक की तरफ़ काग़ज़ बढ़ाते हुए कहा " आप कोई एक वाक्य यानी एक जुमला लिख दीजिए। मैं उसको ही आगे बढ़ाते हुए पूरी कहानी लिख दूंगा "। मंटो उस्ताद आदमी थे। प्रकाशक ने यूं ही एक जुमला काग़ज़ पर लिख दिया और फिर काग़ज़ मंटो को सौंप दिया।
मंटो ने फिर कहानी लिखनी शुरू की और कुछ ही देर में लिखकर खत्म कर दी। प्रकाशक देखकर हैरान था। उसने कहानी पढ़ी तो उसका मंटो साहब के हाथ चूम लेने का मन होने लगा। उन्होंने पहले जुमले को आगे बढ़ाते हुए एक बहुत शानदार कहानी लिख डाली थी। कुछ ऐसे अद्भुत इंसान थे सआदत हसन मंटो।