वरिष्ठ कवि और लेखक रामदरश मिश्र को वर्ष 2021 का सरस्वती सम्मान देने की घोषणा की गई है। उन्हें यह सम्मान उनके कविता संग्रह “मैं तो यहां हूं” के लिए प्रदान किया जाएगा। केके बिरला फाउंडेशन द्वारा दिया जाने वाला साहित्य का यह प्रतिष्ठित पुरस्कार किसी भी भारतीय भाषा के लिए दिया जाता है। इस बार यह सम्मान हिंदी की पुस्तक को मिला है।
रामदरश मिश्र समर्थ कवि के साथ प्रतिष्ठित उपन्यासकार भी हैं। उनका जन्म डुमरी गांव, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में 14 अगस्त 1924 को हुआ था। उनकी कविताओं में गांव के दृश्य अक्सर दिखाई देते हैं। ग्रामीण सौंदर्य से सराबोर उनकी कविताओं में प्रकृति की अलग झलक दिखाई पड़ती है। मिश्र जी का पहला कविता संग्रह “पथ के गीत” था।
उनकी अन्य पुस्तकों में “बैरंग-बेनाम चिट्ठियां”, “पक गयी है धूप”, “कंधे पर सूरज”, “दिन एक नदी बन गया”, “जुलूस कहां जा रहा है”, “आग कुछ नहीं बोलती”, “बारिश में भीगते बच्चे” और “हंसी ओठ पर आंखें नम हैं”, (गजल संग्रह) आदि हैं। उन्होंने कई ललित निबंध लिखे जो, “कितने बजे हैं?”, “बबूल” और “कैक्टस” में संकलित हैं।