Advertisement

रामेश्वरी नेहरू की ऐतिहासिक पत्रिका "स्त्री दर्पण" की स्मृति में वेबसाइट लॉन्च

क्या आप नेहरू खानदान की विदुषी महिला रामेश्वरी नेहरू को जानते हैं जिन्होंने स्त्रियों की आवाज़ बुलंद...
रामेश्वरी नेहरू की ऐतिहासिक पत्रिका

क्या आप नेहरू खानदान की विदुषी महिला रामेश्वरी नेहरू को जानते हैं जिन्होंने स्त्रियों की आवाज़ बुलंद करने के लिए बीस साल तक "स्त्री- दर्पण" नामक पत्रिका निकाली।उस पत्रिका की स्मृति में एक वेबसाइट बनाई गई है जिसको कल दिल्ली विश्विद्यालय के किरोड़ीमल कालेज में लॉन्च किया जा रहा है।

1909 में इलाहाबाद से निकलने वाली यह पत्रिका आज़ादी की लड़ाई में स्त्रियों के हक़ के लड़ने के लिए पहली महत्वपूर्ण पत्रिका थी जिसका प्रबंधन पंडित जवाहर लाल नेहरू की पत्नी कमला नेहरू करती थी।
महादेवी वर्मा जयंती की पूर्व संध्या पर इस वेबसाइट को कल लांच किया जा रहा है।महादेवी जी का नेहरू परिवार से विशेषकर कमला नेहरू से प्रगाढ़ रिश्ता था।वह इलाहाबाद में आनंदभवन में नेहरू दम्पति से मिलती थीं।

1886 में लाहौर में जन्मी रामेश्वरी नेहरू मोतीलाल नेहरू के भाई बृजलाल नेहरू की बहू थी।बृजलाल नेहरू एक सिविल सर्वेंट थे।रामेश्वरी जी अखिल भारतीय महिला कांफ्रेंस की संस्थापक सदस्य थीं।उनकी सेवाओं के लिए पद्मभूषण से नवाजा गया थाऔर उनकी जन्मशती पर एक डाक टिकट भी निकला था।उन्होंने अपनी पत्रिका में स्त्रियों के संघर्ष उनकी दशा उनके अधिकार की बात उठायी और बहसें चलाईं।लेकिन इस पत्रिका के ऐतिहासिक योगदान के बारे में हिंदी समाज भूल ही गया था। प्रज्ञा पाठक, गरिमा श्रीवास्तव जैसी अध्येताओं ने उसकी तरफ ध्यान दिलाया। उसकी स्मृति को जीवित वेबसाइट् 'स्त्री दर्पण' के जरिये हिंदी का उत्कृष्ट साहित्य विशेषकर स्त्री विमर्श से संबंधित साहित्य को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पेश किया जाएगा। पहले स्त्री दर्पण मंच फेसबुक पर बनाया गया था। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म की स्थापना 2020 में महादेवी वर्मा की पुण्यतिथि पर की गई थी। इस मंच पर अब तक करीब 50 से अधिक भूली बिसरी और समकालीन लेखिकाओं के जन्मदिन पर समारोह आयोजित किए जा चुके हैं और साहित्य से जुड़ी कई नई श्रृंखला भी प्रारंभ की गई। "स्त्री दर्पण" ने कस्तूरबा गांधी राजेन्द्रबाला घोष, शिवरानी देवी, रामेश्वरी नेहरू , महादेवी वर्मा, सुभद्रा कुमारी चौहान, उमा नेहरू, कमला देवी चौधरी, चंद्रकिरण सौनरेक्सा, कृष्णा सोबती, महाश्वेता देवी, इस्मत चुगताई, मन्नू भंडारी जैसी लेखिकाओं से लेकर अनामिका और सविता सिंह के जन्मदिन पर भी कार्यक्रम आयोजित किए।

हिंदी साहित्य में पहली बार इतनी लेखिकाओं के जन्मदिन पर कार्यक्रम किये गए। इसके अलावा "स्त्री दर्पण" ने लेखिकाओं की पत्नियों पर एक श्रृंखला चलाई जिसमें तुलसीदास, रवींद्रनाथ टैगोर, रामचंद्र शुक्ल, मैथिली शरण गुप्त, शिवपूजन सहाय, बेनीपुरी, जैनेंद्र, गोपाल सिंह नेपाली, रामविलास शर्मा, नागार्जुन, नरेश मेहता मार्कण्डेय गिरिराज किशोर परमानंद श्रीवास्तव से लेकर ज्ञानरंजन, विनोद कुमार शुक्ल, प्रयाग शुक्ल और राजेन्द्र दानी की पत्नियों के जीवन पर आलेख प्रस्तुत किए गए। हमने 25 अफ्रीकी कवयित्रियों की कविताओं के अनुवाद की भी एक शृंखला चलाई। पहली बार इतनी संख्या में अफ्रीकी कविताओं के अनुवाद हिंदी में आए। इन कविताओं का अनुवाद श्री विलास सिंह ने किया और उनका पाठ पारुल बंसल ने किया। साथ ही हमने 25 समकालीन कवियों की कविताओं का पाठ भी आयोजित किया। इसका संचालन अनुराधा ओस ने किया। उसके बाद "प्रतिरोध की कविताओं" की श्रृंखला भी चलाई गई जिसमें 20 से अधिक महत्वपूर्ण कवयित्रियों की कविताओं पेश की गई। इसका संयोजन सविता सिंह और रीता दास राम ने किया।इसके अलावा बांग्ला कवियों की कविताओं के अनुवाद की भी शृंखला हमने पेश की। यह अनुवाद लिपिका साहा ने किए और संयोजन अलका तिवारी ने किए। इसके अलावा मुक्तिबोध की स्मृति में नौ वरिष्ठ कवियों की प्रेम कविताओं का भी पाठ आयोजित किया गया। इन कविताओं का पाठ सोमा बनर्जी ने किया।

साथ ही दिवंगत कवि अज्ञेय, केदारनाथ सिंह,कुंवर नारायण विष्णु खरे, मंगलेश डबराल की स्मृति में भी कार्यक्रम आयोजित किए गए। विश्व कवयित्रियों की कविताओं पर भी एक शृंखला आरंभ की गई। स्त्री दर्पण ने समकालीन कवयित्रियों की प्रेम कविताओं के पाठ की एक सिरीज़ चलाई। इसके अलावा लेखिकाओं के रचना पाठ पर भी कई कार्यक्रम किए। पुस्तक परिचर्चा की शृंखला पारुल बंसल ने की।
स्त्री दर्पण ने कई नए प्रयोग किए और लोगों ने उसे सराहा।

इस वेबसाइट पर स्त्री नवजागरण ,संविधान सभा मे स्त्रियों की भूमिका आज़ादी की लड़ाई में उनके योगदान के अलावा कहानी कविता उपन्यास पुस्तक चर्चा इंटरव्यू वीडियो ऑडियो आदी भी होंगे।हर रचनाकार का एक पेज बनेगा जिसमें उनके फोटो रचनाएँ परिचय किताबों के कवर आदि होंगे।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad