आज से ठीक 100 साल पहले 26 अगस्त 1923 को कोलकाता से हिंदी की प्रमुख व्यंग्य पत्रिका "मतवाला" का प्रकाशन हुआ था...
हिंदी साहित्य की मुख्यधारा में बहुत ऐसे लेखक रहे जो चुपचाप साहित्य सृजन करते रहे।गुटों से दूर...
देश का प्रतिष्ठित रंगमंच संस्थान नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा एक बार फिर तीन दशकों के बाद "अंधायुग "का मंचन कर...
राजधानी के प्रगति मैदान में 25 फरवरी से 5 मार्च तक चला विश्व पुस्तक मेला कई मायनों में महत्वपूर्ण...
जन्मदिन तो सभी मनाते हैं लेकिन उस जन्मदिन को एक संगोष्ठी के रूप में मनाना सार्थक कार्य है और उस...
क्या आप नेहरू खानदान की विदुषी महिला रामेश्वरी नेहरू को जानते हैं जिन्होंने स्त्रियों की आवाज़ बुलंद...
यूँ तो हिंदी में रचनावलियाँ और ग्रंथावलियों के प्रकाशन का लम्बा इतिहास रहा है, लेकिन हिंदी की पहली...
“महामारी की दूसरी लहर और व्यवस्था की भारी नाकामी ने सांस्कृतिक क्षेत्र को ऐसी क्षति पहुंचाई, जिसकी...