भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की तदर्थ समिति ने ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट को एशियाई खेलों में सीधे प्रवेश दिया। यह निर्णय हालांकि राष्ट्रीय मुख्य कोच की सहमति के बिना लिया गया।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा नियुक्त तदर्थ समिति ने एक परिपत्र में कहा कि उसने पहले ही पुरुषों की फ्रीस्टाइल 65 किग्रा और महिलाओं की 53 किग्रा में पहलवानों का चयन कर लिया है। इसके बावजूद तीनों शैलियों में से सभी छह वजन श्रेणियों में ट्रायल आयोजित किए जाएंगे।
तदर्थ समिति ने परिपत्र में बजरंग और विनेश का नाम नहीं लिया, लेकिन पैनल के सदस्य अशोक गर्ग ने ‘पीटीआई-भाषा’ से पुष्टि की कि दोनों पहलवानों को ट्रायल से छूट दी गई है।
तदर्थ समिति ने 23 सितंबर को चीन के हांगझोउ में होने वाले एशियाई खेलों के लिए कुश्ती टीम का चयन करने के लिए ट्रायल से चार दिन पहले यह निर्णय लिया।
ग्रीको-रोमन और महिलाओं के फ्रीस्टाइल ट्रायल 22 जुलाई को होने हैं, जबकि पुरुषों के फ्रीस्टाइल ट्रायल 23 जुलाई को नयी दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में होंगे।
बजरंग 65 किग्रा वर्ग के चुनौती पेश करते हैं। वह डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने वाले छह पहलवानों में से एक हैं। वह इस समय किर्गिस्तान के इस्सिक-कुल में प्रशिक्षण ले रहे हैं।
जकार्ता एशियाई खेलों (2018) में स्वर्ण पदक जीतने वाली 53 किग्रा पहलवान विनेश हंगरी के बुडापेस्ट में प्रशिक्षण ले रही हैं।
कुश्ती से जुड़े सूत्र के मुताबिक बजरंग और विनेश को छूट देने का कदम उनके साथी प्रतिस्पर्धियों को पसंद नहीं आया। इन पहलवानों ने अदालत का दरवाजा खटखटाने की चुनौती दी है।