राजधानी दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर नामी पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के खिलाफ मोर्चा खोल हुआ है। खिलाड़ी अपनी मांगों को लेकर दूसरे दिन भी धरने पर बैठे हैं। प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों में बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट समेत कई अन्य पहलवानों वहां प्रदर्शन कर रहे हैं।
सभी पहलवान घरनास्थल पर मौन धरने पर बैठे हैं। जंतर-मंतर पर इस प्रदर्शन में कई नामी पहलवान पहुंचे हैं। इनमें साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया, रवि दहिया, विनेश फोगट, अंशु मलिक, सरिता मोरे, दीपक पुनिया, अमित धनकट, संगीता फोगट, सोनम मलिक और परमजीत जैसे नाम शामिल हैं।
पहलवानों का आरोप है कि भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और कोच महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करते हैं। कुछ कोच तो सालों से यौन उत्पीड़न करते आ रहे हैं। हालांकि कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने इन आरोपों को ग़लत बताया है।
हालांकि पहलवानों के आरोपों पर कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने मीडिया से बातचीत में अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा है कि क्या कोई ऐसा है जो सामने से आकर कह सके कि फेडरेशन ने किसी एथलीट का उत्पीड़न किया है।
रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने अपनी बात रखते हुए कहा कि जैसे मुझे पता चला धरना दिया है, आरोप क्या है मुझे नहीं पता था पर मैं तुरंत फ्लाइट का टिकट लेकर आया।
उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा आरोप विनेश फोगाट ने लगाया है..क्या कोई सामने है जो कह सके कि फेडरेशन ने किसी एथलीट का उत्पीड़न किया हो।यौन उत्पीड़न की कोई घटना नहीं हुई है। अगर ऐसा हुआ है तो मैं फांसी लगा लूंगा।
दरअसल, महिला पहलवान विनेश फोगाट ने एक चौंकाने वाले खुलासे में बुधवार को रोते हुए आरोप लगाया कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह कई वर्षों से महिला पहलवानों का यौन शोषण कर रहे हैं और उन्हें हटाने के लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के हस्तक्षेप की मांग की।
विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता और ओलंपियन विनेश ने यह भी दावा किया कि लखनऊ में राष्ट्रीय शिविर में कई कोच ने भी महिला पहलवानों का शोषण किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि शिविर में कुछ महिलाएं हैं जो डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के कहने पर पहलवानों से संपर्क करती हैं।
इस 28 साल की पहलवान ने हालांकि स्पष्ट किया कि उन्होंने खुद इस तरह के शोषण का सामना नहीं किया है। उन्होंने दावा किया कि उन्हें डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के इशारे पर उनके करीबी अधिकारियों से जान से मारने की धमकी मिली थी, क्योंकि उन्होंने तोक्यो ओलंपिक खेलों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान उनका ध्यान इन मुद्दों पर आकर्षित करने का हिम्मत दिखायी थी।
जंतर मंतर पर चार घंटे से अधिक समय तक धरने पर बैठने के बाद विनेश ने कहा, ‘‘ मैं कम से कम 10-12 महिला पहलवानों को जानती हूं जिन्होंने मुझे डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष से हुए यौन शोषण के बारे में बताया है। उन्होंने मुझे अपनी कहानियां सुनाईं। मैं अभी उनका नाम नहीं ले सकती लेकिन अगर हम देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मिलें तो मैं नामों का खुलासा जरूर कर सकती हूं।’’