एचटी की रिपोर्ट के अनुसार सरकार द्वारा सहायता प्राप्त संस्थान सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन योगा एंड न्यूपोपैथी की एक बुकलेट मदर एंड चाइल्ड केयर में गर्भवती महिलाओं को इस तरह के सुझाव दिए गए हैं। संस्थान की वेबसाइट पर योग और न्यूरोपैथी को स्वास्थ्य के लिए प्राचीन भारतीय परंपराएं कहा गया है। इस बुकलेट को आयुष मंत्रालय के राज्यमंत्री श्रीपद नाइक ने जारी किया था।
डॉक्टरों ने इसे बेतुका बताया है। विशेषज्ञों के अनुसार प्रोटीन की कमी, कुपोषण और एनिमिया से दूर रहने के लिए मीट जरूरी है। मीट में प्रोटीन और आयरन दोनों ही होते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार गर्भावस्था के दौरान सेक्स को लेकर भी संयम की कोई जरूरत नहीं है।
बता दें कि इससे पहले आरएसएस से जुड़े गर्भविज्ञान अनुसंधान केंद्र ने जोड़ों को सुझाव दिया था कि वह शुभ दिन यौन संबंध बनाएं और इसके बाद संयम बरतें। इसके लेकर भी काफी हंगामा हुआ था।