देशभर की नामी आयुर्वेद कंपनियों और ब्रांड जैसे प्रवेक, धूतपापेश्वर, मुल्तानी फार्मा, कोटाक्कल आयुर्वेद, हिमालया वेलनेस, राष्ट्रीय आयुर्वेद विद़यापीठ, श्रीधनवंतरि हर्बल, एमिल फार्मास्यूटिकल्स, वीनस रेमेडीज, वैद़यराज आयुर्वेद आदि ने अपने स्टाल लगाए। कंपनियों ने लोगोंं को अपने प्राॅॅडक्टों की जानकारी देते हुए सेहत को स्वस्थ रखने के लिए महत्वपूर्ण टिप्स दी।
महासम्मेलन के अध्यक्ष पद़मभूषण वैद़य देवेंद्र त्रिगुणा ने बताया कि देश मेंं आयुर्वेद के प्रचलन में कभी कमी नहीं आई है। आधुनिक चिकित्सा के बढ़ते प्रभाव के बीच भी लोग आयुर्वेद की औषधियों को महत्व देते हैं। योग और आयुर्वेद भारत की प्राचीन परंपरा है। यह शाश्वत है। हर उम्र के लोगों के लिए यह लाभदायक है।
प्रदर्शनी के समन्वयक अजय पलाहा ने बताया कि आयुर्वेद का समूचे देश मेंं प्रभाव है। उत्तर हो या दक्षिण, पूर्व हो या पश्चिम सभी प्रांत के लोग इसे महत्व देते है। देश, काल, वातावरण से परे है आयुर्वेद का प्रभाव।
प्रदर्शनी से इतर प्रथम राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के अवसर पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया। आयुर्वेद द्वारा मधुमेह का नियंत्रण एवं रोकथाम विषय पर आयोजित संगोष्ठी में देशभर से आये आयुर्वेद और मधुुमेह विशेषज्ञों ने भाग लिया। संगोष्ठी का शुभारंभ प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने किया। समारोह में आयुष मंत्री श्रीपद येसो नाइक भी उपस्थित थे। मंत्रीगण जितेंद्र सिंह और नाइक ने आरोग्य प्रदर्शनी का भ्रमण कर अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के प्रयास की सराहना भी की।