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Search Result : "मधुमेह"

बीजीआर 34, संतुलित आहार और रोज की सैर से 14 दिन में किया जा सकता है मधुमेह कंट्रोल: अध्ययन

बीजीआर 34, संतुलित आहार और रोज की सैर से 14 दिन में किया जा सकता है मधुमेह कंट्रोल: अध्ययन

नई दिल्ली। बीजीआर 34, संतुलित आहार और रोज की सैर से महज 14 दिन में मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है। यह...
शहरी मध्‍यमवर्ग महिलाओं को हार्ट की बीमारी का खतरा ज्‍यादा

शहरी मध्‍यमवर्ग महिलाओं को हार्ट की बीमारी का खतरा ज्‍यादा

देश में शहर की मध्‍यमवर्ग की महिलाओं को शहरी गरीब और ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के मुकाबले हार्ट की बीमारी होने की अधिक संभावना है। एक अध्‍ययन से यह निष्‍कर्ष सामने आया है। अध्‍ययन ने साफ संकेत दे दिए हैं कि शहरीकरण हार्ट की बीमारी की एक मुख्‍य वजह हो सकता है।
राष्‍ट्रीय आयुर्वेद दिवस पर प्रदर्शनी : लोगों को मिलेे बेहतर सेहत के नुस्‍खे

राष्‍ट्रीय आयुर्वेद दिवस पर प्रदर्शनी : लोगों को मिलेे बेहतर सेहत के नुस्‍खे

राष्‍ट्रीय आयुर्वेद दिवस पर कांस्‍टीट़यूशन क्‍लब स्थित मावलंकर हाल के परिसर में आयुर्वेद प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्‍मेलन द्वारा आयोजित प्रदर्शनी में आयुर्वेद औषधियों की कारोबारी कंपनियों ने लोगों को सेहत बेहतर रखने के मुख्‍य नुस्‍खे दिए। प्रदर्शनी में लगे स्‍टॉल देखकर लोगों को भारतीय योग और आयुर्वेद के संबंध में जानकारी मिली। आयुष मंत्रालय भारत सरकार ने भी प्रदर्शनी के आयोजन में सहयोग दिया।
मधुमेह, अस्थमा और बीपी के मरीज भी कर सकते हैं नेत्रदान

मधुमेह, अस्थमा और बीपी के मरीज भी कर सकते हैं नेत्रदान

देश में इस समय लाखों लोग नेत्रदान के जरिए आंखों की रोशनी पाने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन कई प्रकार की भ्रांतियों के चलते आज भी लोग उतनी संख्या में नेत्रदान के लिए आगे नहीं आ रहे हैं जितनी जरूरत है। सच्चाई यह है कि मधुमेह, अस्थमा और ब्लड प्रेशर के मरीज भी आसानी से नेत्रदान कर सकते हैं।
गांव में मधुमेह और टीबी का प्रकोप

गांव में मधुमेह और टीबी का प्रकोप

देश की करीब 70 प्रतिशत आबादी गांव में निवास करती है और छोटी छोटी बीमारियों के उपचार के लिए लोगों को कर्ई कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। गांव देहात में स्वास्थ्य केंद्रों एवं डॉक्टरों की भारी कमी है, वहीं देश में मधुमेह, टीबी से प्रभावित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। ऐसे में पंचायत स्तर पर स्वास्थ्य केंद्रों का व्यवस्थित नेटवर्क बनाने, पर्याप्त कोष देने एवं डॉक्टरों की तैनाती सुनिश्चित करने की मांग की गई है।
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