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जहां न पहुंचे हाथ वहां पहुंचे रोबोट

कोलकाता में चिकित्सक सर्जरी करने और शरीर में किसी ऐसी जगह जहां मानवीय हाथ पहुंचने में परेशानी हो, वहां पांच मिलीमीटर के रोबोटिक हाथों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
जहां न पहुंचे हाथ वहां पहुंचे रोबोट

कोलकाता में चिकित्सक सर्जरी करने और शरीर में किसी ऐसी जगह जहां मानवीय हाथ पहुंचने में परेशानी हो, वहां पांच मिलीमीटर के रोबोटिक हाथों का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह रोबोटिक हाथ अमेरिका से मंगवाए गएं हैं। यह अत्याधुनिक द विंची सर्जिकल सिस्टम कलाई के साथ एक विशेष यंत्र है जो किसी मरीज के ऑपरेशन करते समय शल्य चिकित्सक के हाथ की गतिविधियों के अनुसार काम कर सकता है।

मरीज से दूर शल्य चिकित्सक एक कक्ष में बैठता है जहां से वह एक उन्नत थ्री डी तकनीक के जरिये सब कुछ देख सकता है। अपोलो अस्पताल के डॉ.  शांतनु पंजा ने अभी हाल ही में 59 साल के एक व्यक्ति का आपरेशन किया था जिसकी जीभ की जड़ में कैंसर युक्त ट्यूमर था। उन्होंने बताया कि रोबोटिक प्रणाली का इस्तेमाल करना उतना ही अच्छा था जितना अपने हाथों से आपरेशन करना।

उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘कक्ष में जैसे ही मैं अपने हाथों को हिलाता था, रोबोटिक प्रणाली का हाथ भी उसी तरह काम करता था। यह बहुत सटीक और उन्नत तकनीक है। मुझे लगात है इससे मरीजों को बहुत फायदा होगा।

ट्यूमर निकालने के लिए डॉक्टरों को आम तौर पर जबड़े की हड्डी का ऑपरेशन करना पड़ता है। लेकिन रोबोटिक हाथ की मदद से ऐसा करना जरूरी नहीं है।

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