गर्मी के मौसम ने दस्तक दे दी है। कंबल मायूस है कि अब आप उससे विदा ले लेंगे, पर एसी, कूलर और पंखे खिल गए हैं कि उनसे दोस्ती का मौसम आ गया है। कल तक हाईनेक और पुलोवर में उंगलियों को सिकोड़ कर बंधे हाथ अब बर्फ वाले शरबत के गिलास को छूने के लिए मचलने लगे हैं। रसोई एकदम बदल गई है। बाथू, मेथी की जगह दही और खीरे ने ले ली है। तरबूज आने का बेसब्री से इंतजार है। पर अभी जरा ठहर जाइए। मौसम विभाग की माने तो एक बार फिर बरसाती रिमझिम से गुजरना पड़ सकता है।
मौसम अंगड़ाई ले रहा है। यह करवट आपको महंगी भी पड़ सकती है। सुबह की ठंडी हवा और दिन की कड़ी धूम की वजह से परेशानी बढ़ सकती है। यह मौसम मच्छरों का मौसम है। यह मौसम खाने के जल्दी खराब हो जाने का मौसम है और यह मौसम शरीर के तापमान को बदलाव के अनुरूप बनाए रखने का भी मौसम है।
. सर्दी से मौसम जब गरम होता है तो हर मौसम की तरह शरीर को सामंजस्य बैठाने में थोड़ा वक्त लगता है। इसलिए यदि दोपहर को कहीं बाहर निकलें और गर्मी महसूस हो तो तुरंत आइसक्रीम न खाएं।
. कोल्ड ड्रिंक से भी परहेज रखें, क्योंकि इससे गला तुरंत खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। जरूरी नहीं है कि सभी को यह परेशानी हो लेकिन यदि आपको कफ की समस्या है तो आपको सावधानी रखनी ही चाहिए।
. इस मौसम में गुड़ या गुड़ से बने पदार्थ न खाएं तो बेहतर। लेकिन इसके बदले में बहुत ठंडी चीजें भी न खाएं। जैसे फ्रीज में रखी कोई वस्तु, खूब बर्फ डाल कर शरबत आदि।
. इन चीजों के बदले रसदार फल जैसे तरबूज, संतरा, अंगूर खाना सेहत के लिए अच्छा रहेगा।
. धीरे-धीरे अपनी चाय की संख्या घटाने के लिए भी यह अच्छा वक्त है।
. छाछ पीजिए लेकिन यह ताजी हो और फ्रीज में पहले से रखी हुई न हो।
. इस मौसम में कई लोगों को परागकण से एलर्जी होती है। यदि ऐसी एलर्जी है तो सुबह के वक्त सैर के लिए निकलते वक्त मास्क जरूर पहनें।
. कूलर के ठीक सामने सोने से इस मौसम में परहेज करें।
. कुछ बातों का ख्याल रखें और मौसम के बदलाव को बिस्तर पर लेटे-लेटे महसूस करने के बजाय बाहर घूम कर उसका आनंद लें।