टोक्यो में खेले जा रहे ओलिंपिक में कांस्य पदक के लिए हॉकी के मुकाबले में भारतीय महिला टीम पदक से चूक गयी। जबकि ब्रिटेन ने भारतीय टीम को 4-3 से हराकर कांस्य पदक पर कब्जा कर लिया।
तीसरे क्वार्टर तक मुकाबला बराबरी का चल रहा था। हालांकि चौथे क्वार्टर में ब्रिटेन ने फिर से 4-3 की बढ़त भारत पर बना ली थी। जबकि इससे पहले दोनों टीम 3-3 की बराबरी पर थी। दरअसल, ब्रिटेन ने वापसी करते हुए तीसरे क्वार्टर में मैदान गोल दागते हुए मैच को फिर से 3-3 की बराबरी पर ला दिया। वहीं भारत ने दूसरे क्वार्टर में शानदार वापसी करते हुए 0-2 से पिछड़ते के बाद जबर्दस्त वापसी करते हुए खुद को 3-2 की बढ़त पर ला दिया था। भारत के लिए तीनों ही गोल दूसरे हॉफ में किए किए।
इससे पहले ब्रिटेन ने दूसरे क्वार्टर में एक और गोल दागककर भारत पर 2-0 की बढ़त हासिल की थी, मगर भारत ने जल्द ही पलटवार करते हुए पेनल्टी कॉर्नर से गोल करते हुए अंतर को 1-2 कर दिया। बाद में भारत को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला, जिसे गुरजीत कौर ने फिर से गोल में बदलकर स्कोर 2-2 कर दिया। वहीं पहले हॉफ मे ंकोई भी टीम गोल नहीं कर सकी। इस दौरान भारतीय डिफेंडरों का प्रदर्शन अच्छा रहा और उन्होंने दो पेनल्टी कॉर्नर को बेकार किया, मगर दूसरा हॉफ शुरू होते ही ब्रिटेन ने गोल दाग दिया।
बता दें कि पुरुष हॉकी के कांस्य जीतने के बाद भारतीय महिलाओं के पास कांस्य जीतकर ऐतिहासिक डबल बनाने का अवसर था। यदि भारत जीतता , तो यह इतिहास रचने जैसा होता क्योंकि आज तक भारतीय महिलाओं ने ओलिंपिक में कांस्य नहीं जीता है।
इससे पहले 4 अगस्त को भारतीय महिला हॉकी टीम को टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल के बेहद दिलचस्प मुकाबले में अर्जेंटीना के हाथों 1 - 2 से हार झेलनी पड़ी थी। ओलंपिक के इतिहास में पहली बार भारतीय महिला टीम सेमीफाइऩल में पहुंची थी।