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डल्लेवाल के समर्थन में 111 किसान आमरण अनशन पर बैठे, कहा- सरकार ने उदासीन रैवैया अपनाया

अपनी मांगों के प्रति "उदासीन" रवैया अपनाने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए 111 किसानों के एक समूह...
डल्लेवाल के समर्थन में 111 किसान आमरण अनशन पर बैठे, कहा- सरकार ने उदासीन रैवैया अपनाया

अपनी मांगों के प्रति "उदासीन" रवैया अपनाने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए 111 किसानों के एक समूह ने अपने नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के साथ एकजुटता दिखाते हुए बुधवार को आमरण अनशन शुरू किया।

इस बीच डल्लेवाल का अनिश्चितकालीन अनशन 51वें दिन में प्रवेश कर गया। प्रदर्शनकारी किसानों ने डल्लेवाल के "बिगड़ते" स्वास्थ्य को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि लंबे समय तक अनशन के कारण 70 वर्षीय डल्लेवाल के ‘‘कई अंग काम करना बंद कर सकते हैं’’।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक डल्लेवाल पिछले साल 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं। किसान अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी समेत विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।

डल्लेवाल ने अपने अनशन के दौरान किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सहायता लेने से इनकार कर दिया है, जिसके कारण उनका स्वास्थ्य और खराब हो गया है। एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। उस वक्त सुरक्षा बलों ने उन्हें दिल्ली तक मार्च करने की अनुमति नहीं दी थी।

लंबे समय से डल्लेवाल से जुड़े किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बुधवार को केंद्र सरकार पर किसानों की मांगों पर ध्यान न देने का आरोप लगाया। कोहाड़ ने कहा, “आज डल्लेवाल का आमरण अनशन 51वें दिन में प्रवेश कर गया। केंद्र सरकार न तो कुछ सुनने को तैयार है, न ही बातचीत शुरू कर रही है और न ही हमारी मांगों को पूरा कर रही है।”

गतिरोध समाप्त करने के लिए प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बातचीत करने के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल में कहा था कि सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार काम करेगी।

डल्लेवाल के स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में कोहाड़ ने कहा कि अनिश्चितकालीन अनशन के कारण उनकी हालत 'गंभीर' है। कोहाड़ के अनुसार चिकित्सकों ने कहा है कि उनका शरीर पानी भी नहीं पचा पा रहा है और जब भी वह पानी पीते हैं, उन्हें उल्टी हो जाती है।

डल्लेवाल की देखरेख कर रहे चिकित्सकों ने पहले ही कहा है कि उनका स्वास्थ्य हर दिन "बिगड़ता" जा रहा है। उनका कीटोन स्तर बढ़ गया है और मांसपेशियों का द्रव्यमान कम हो गया है।

किसानों ने पहले कहा था कि डल्लेवाल ने पिछले साल 26 नवंबर से कुछ भी नहीं खाया है और वह सिर्फ पानी पी रहे हैं।

प्रदर्शनकारी किसानों ने अब निर्णय लिया है कि 111 किसानों का एक समूह डल्लेवाल के साथ एकजुटता दिखाते हुए आमरण अनशन शुरू करेगा जिसकी शुरुआत बुधवार से हो गई है।

कोहाड़ ने कहा, “किसान भावुक हैं और उन्होंने कहा है कि वे भी डल्लेवाल का अनुसरण करेंगे और शांतिपूर्ण तरीके से अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करेंगे।”

पिछले साल 20 दिसंबर को उच्चतम न्यायालय ने डल्लेवाल के अस्पताल में भर्ती होने का फैसला करने की जिम्मेदारी पंजाब सरकार के अधिकारियों और चिकित्सकों पर डाल दी थी।

इस बीच एसकेएम (गैर-राजनीतिक), किसान मजदूर मोर्चा और एसकेएम ने उनकी मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के वास्ते एक साथ मिलकर संघर्ष करने के लिए बातचीत शुरू कर दी है।

निरस्त कर दिए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 2020 के आंदोलन का नेतृत्व करने वाला एसकेएम, इस बार एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के आंदोलन का हिस्सा नहीं है।

 

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