इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के परमाणु केन्द्रों पर हमला करने संबंधी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ‘‘साहसिक निर्णय’’ की रविवार को सराहना की और कहा कि इसने ‘‘शक्ति के जरिए शांति’’ को दर्शाया है।
अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु केन्द्रों फोर्दो, नतांज और इस्फहान पर हमला किया जिसका उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर लगाम लगाना है।
नेतन्याहू ने कहा, ‘‘ ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने का आपका (ट्रंप का) साहसिक निर्णय इतिहास बदल देगा।’’
इजराइली प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन में इजराइल ने वाकई कमाल कर दिखाया। लेकिन आज रात ईरान के परमाणु केन्द्रों पर अमेरिका ने कार्रवाई करके शानदार काम किया। उसने वह कर दिखाया है जो दुनिया का कोई भी दूसरा देश नहीं कर सकता।’’
इजराइल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया था। इजराइल वर्षों से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अस्तित्व के लिए खतरा बताता रहा है वहीं ईरान ने लगातार कहा है कि उसका परमाणु शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है।
नेतन्याहू ने जोर देकर कहा, ‘‘उनके (ट्रंप) नेतृत्व ने आज इतिहास बनाया जो पश्चिम एशिया को आगे समृद्धि और शांति की ओर ले जाने में मदद कर सकता है।’’
इजराइल के प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप और मैं अक्सर कहते हैं ‘शक्ति से शांति। पहले शक्ति आती है, फिर शांति आती है।’’
वहीं इजराइल के राष्ट्रपति आइजैक हर्ज़ोग ने ईरानी परमाणु केन्द्रों पर अमेरिकी हमले को एक ‘निर्णायक क्षण’ और ‘‘स्वतंत्रता, जिम्मेदारी और सुरक्षा’’ के सिद्धांतों की जीत करार दिया।
हर्ज़ोग ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मानव इतिहास के पन्नों में यह एक ऐसा क्षण है जब स्वतंत्रता, जिम्मेदारी और सुरक्षा के सिद्धांतों की जीत हुई है।’’
उधर ईरान पर हमले के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान से शांति स्थापित करने की अपील की और इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू और इजरायली सेना को बधाई दी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ईरान ने अब भी शांति नहीं अपनाई तो भविष्य के हमले इससे कहीं ज्यादा भीषण होंगे। ट्रंप ने साफ कहा, 'या तो ईरान में शांति होगी या फिर विनाश, आज रात जिन टारगेटों को चुना गया, वो सभी सही थे।'