उन्होंने 17 फरवरी से अपनी अनुपस्थिति के बारे में बताते हुए कहा कि इज़राइल में नई कृषि तकनीकों को समझने के वास्ते पांच दिवसीय यात्रा पूर्ण होने के बाद वह यरूशलम और बेथलहम में पवित्र स्थानों की यात्रा करने चले गए थे।
किसान ने दावा किया कि उन्हें मीडिया की खबरों से उनके लापता होने के विषय में सूचना मिली और उन्हें नहीं पता था कि अब आगे क्या करना चाहिए।
कुरियन ने कहा कि उन्होंने किसी की मदद से अपने परिवार से संपर्क किया अपने सकुशल होने की जानकारी दी। उनके फोन में इंटरनेट या अंतरराष्ट्रीय ‘कॉलिंग’ की सुविधा नहीं थी।
किसान ने कहा कि इसके बाद वह अपने भाई की मदद से भारत लौट आए। कुरियन ने कहा कि उनका वीजा आठ मई तक वैध था और वह अवैध तरीके से वहां नहीं रुके थे।
कथित तौर पर उनके लापता होने के बाद राज्य के कृषि मंत्री ने कहा था कि सरकार इस घटना पर गौर करेगी।
प्रतिनिधिमंडल 12 फरवरी को इज़राइल गया था और अध्ययन खत्म होने के बाद 17 फरवरी से कुरियन का कुछ पता नहीं चल पा रहा था।
(भाषा इनपुट के साथ)