पाकिस्तान की सियासत में इस बीच उठा-पटक का दौर जारी है। इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली बहस से पहले दिन भर कयासों का दौर जारी रहा कि इमरान पाकिस्तान की आवाम को संबोधित करेंगे। फिलहाल इमरान खान ने राष्ट्र को संबोधित करने की योजना को टाल दिया है। ऐसी खबरें हैं कि पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा और खुफिया एजेंसी आईएसआई डीजी से मुलाकात के बाद इमरान ने देश के नाम अपना संबोधन टाला है। इस बात के भी कयास थे कि संबोधन के दौरान वह इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं। हालांकि इस बीच उन्होंने अपने कैबिनेट सदस्यों और पत्रकारों के साथ 'विदेशी ताकतों' के दावे वाली चिट्ठी साझा की है।
इससे पहले पाकिस्तान सरकार में मंत्री फवाद चौधरी ने ट्वीट कर कहा था कि इमरान खान इस्तीफा नहीं देंगे और आखिरी बॉल तक खेलेंगे। फवाद चौधरी ने ट्वीट किया, ‘प्रधानमंत्री इमरान खान आखिरी गेंद तक लड़ने वाले खिलाड़ी हैं। वह इस्तीफा नहीं देंगे।’ बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव पर 3 अप्रैल को मतदान होगा।
बता दें कि 8 मार्च को विपक्षी दलों द्वारा नेशनल असेंबली सचिवालय के सामने अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद से ही पाकिस्तान में सियासी उठापटक जारी है।
इमरान खान ने आरोप लगाया था कि कुछ लोग विदेशी फंड की सहायता से उनकी सरकार को गिराने का प्रयास कर रहे हैं। प्रधानमंत्री इमरान ने अपनी रैली के दौरान कहा था, 'पाकिस्तान में सरकार बदलने के लिए विदेशी पैसे के जरिए कोशिश की जा रही है। हमारे लोगों का इस्तेमाल किया जा रहा है। ज्यादातर अनजाने में, लेकिन कुछ लोग हमारे विरुद्ध पैसे का उपयोग कर रहे हैं। हम पर दबाव डालें। हमें लिखित में धमकी दी गई है। मगर हम राष्ट्रीय हित से समझौता नहीं करेंगे।"
वहीं, इससे पहले इमरान खान की पार्टी पीटीआई को तब और एक बड़ा झटका तब लगा जब उसके प्रमुख सहयोगी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) ने सत्तारूढ़ गठबंधन का साथ छोड़ दिया और विपक्ष से हाथ मिला लिया। एमक्यूएम-पी प्रमुख खालिद मकबूल सिद्दिकी ने कहा, ‘हम सहिष्णुता और सच्चे लोकतंत्र की राजनीति के लिए नई शुरुआत करना चाहते हैं।’ सात सांसदों वाले दल एमक्यूएम-पी के साथ छोड़ने से इमरान सरकार ने सदन में स्प्ष्ट रूप से बहुमत खो दिया है। सरकार के एक अन्य सहयोगी और पांच सांसद रखने वाले दल बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) ने सोमवार को ही ऐलान कर दिया था कि उसने इमरान सरकार के खिलाफ मतदान करने के विपक्ष के आमंत्रण को स्वीकार कर लिया है।
बता दें कि 177 सदस्यों के साथ, विपक्ष के पास अब नेशनल असेंबली में ज्यादा संख्या में समर्थक हैं। जबकि दूसरी तरफ पाकिस्तानी सरकार के संसद में सिर्फ 164 सदस्य रह गए हैंम दरअसल पाकिस्तानी नेशनल असेंबली में कुल 342 सदस्य हैं, जिसमें बहुमत के लिए 172 सदस्य चाहिए। पीटीआई की अगुवाई वाले गठबंधन के पास 179 सदस्यों का समर्थन था। मगर अब, एमक्यूएम-पी के पार्टी छोड़ने के बाद, पीटीआई के पास केवल 164 सदस्य ही रह गए हैं। जबकि विपक्ष के पास अब नेशनल असेंबली में समर्थकों की तादाद 177 हो गई है।