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मीडिया के जरिए ‘नफरत का एजेंडा’ फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई: सुरजेवाला

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने रविवार को सरकार से जवाब मांगा कि मीडिया के माध्यम से समाज में...
मीडिया के जरिए ‘नफरत का एजेंडा’ फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई: सुरजेवाला

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने रविवार को सरकार से जवाब मांगा कि मीडिया के माध्यम से समाज में ‘‘नफरत का एजेंडा’’ फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता और पूर्व सांसद राकेश सिन्हा के एक हालिया वीडियो का हवाला दिया, जिसमें सिन्हा ने दावा किया था कि उन्हें टीवी पर एक बहस में आपत्तिजनक शब्द बोलने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया और कहा कि आरएसएस के एक जिम्मेदार नेता के रूप में वह इस तरह की टिप्पणी नहीं करेंगे। सिन्हा ने कहा कि ऐसा करने के बजाय वह मुंबई में ‘‘अभिनेता’’ के तौर पर काम करना पसंद करेंगे।

सुरजेवाला ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में सवाल किया कि देश में पत्रकारिता के जरिए ‘नफरत का एजेंडा’ फैलाने का इससे बड़ा सबूत क्या हो सकता है। उन्होंने कहा कि आरएसएस नेता और पूर्व सांसद के बयान के आधार पर अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और पुलिस से कुछ बुनियादी सवाल पूछे जाने चाहिए।

सुरजेवाला ने कहा, ‘‘क्या सोच समझ कर दुर्भावना से धर्म के आधार पर नफरती एजेंडा फैलाना आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) की धारा 153 ए, 295 ए, 505 या बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 196, 299, 353 के तहत दंडनीय अपराध नहीं है? क्या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली पुलिस आयुक्त इसका संज्ञान लेकर फौरन प्राथमिकी दर्ज कर टेलीविजन चैनल, एंकर व अन्य लोगों पर कार्रवाई करेंगे?’’

कांग्रेस नेता ने अपने पोस्ट में यह भी सवाल किया कि क्या न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए), न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (एनबीएसए), ब्रॉडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन (बीएए) को इसका संज्ञान लेकर ऐसे चैनल व एंकर के खिलाफ कार्रवाई नहीं करनी चाहिए, जिनका जिक्र सिन्हा ने किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘क्या जानबूझ कर नफरत पैदा करने वाली बहस कराना व धर्म के आधार पर गाली गलौच के लिए उकसाना सीधे-सीधे टीवी चैनल के लाइसेंस समझौते का उल्लंघन नहीं है और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को नोटिस जारी कर नफरत फैलाने वाले चैनल का लाइसेंस रद्द नहीं करना चाहिए?’’

सुरजेवाला ने सवाल किया, ‘‘क्या भारत सरकार नोटिस जारी कर चैनल से जवाब मांगेगी, जब इसकी पुष्टि खुद उनके नेता कर रहे हैं?’’

कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘क्या 24 घंटे में उपरोक्त कार्रवाई न होने पर ये साबित नहीं हो जाएगा कि नफरत फैलाने, धर्म के आधार पर विभाजन करने, समाज को जानबूझ कर बांटने का ये एजेंडा टीवी चैनल और भाजपा-मोदी सरकार मिल कर चला रहे है?’’

सुरजेवाला ने कहा, ‘‘क्या ये सब समाज को हिंदू-मुस्लिम में बांट कर वोट बटोरने के लिए किया जा रहा है? अब राकेश सिन्हा को भी अतीत में किए गए अपने कुतर्कों और पापों को स्वीकार कर लेना चाहिए।’’

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