Advertisement

निंदा प्रस्ताव के खिलाफ रूस ने यूएनएससी में किया वीटो का इस्तेमाल, भारत ने बनाई दूरी

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में यूक्रेन पर रूसी हमले के खिलाफ शुक्रवार को चर्चा के दौरान...
निंदा प्रस्ताव के खिलाफ रूस ने यूएनएससी में किया वीटो का इस्तेमाल, भारत ने बनाई दूरी

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में यूक्रेन पर रूसी हमले के खिलाफ शुक्रवार को चर्चा के दौरान रूस ने उस प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया, जिसमें यूक्रेन के खिलाफ रूस की "आक्रामकता" की "कड़े शब्दों में निंदा" की गई थी और रूसी सैनिकों की तत्काल वापसी की मांग की गई थी। हालांकि, रूस से इस कदम की अपेक्षा पहले से ही की जा रही थी। 

जिस बात की उम्मीद लगभग पूरी दुनिया को थी, ठीक वैसा ही हुआ और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निंदा प्रस्ताव के खिलाफ रूस ने वीटो का इस्तेमाल किया। यूएनएससी ने यूक्रेन के खिलाफ पुतिन की आक्रामकता की कड़े शब्दों में निंदा की थी और वहां से सैनिकों की तत्काल वापसी की मांग की थी।

 

परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में रूस की वीटो शक्ति के कारण निंदा प्रस्ताव पास नहीं हो सका। इसके बावजूद, यूएनएससी में बहस के दौरान रूस के द्वारा पड़ोसी यूक्रेन के खिलाफ सैन्य आक्रमण शुरू करने के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के फैसले की निंदा की गई।

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने मतदान के बाद कहा, "मैं एक बात स्पष्ट कर दूं। रूस इस प्रस्ताव को वीटो कर सकता है, लेकिन हमारी आवाज़ को वीटो नहीं कर सकता है। सच्चाई को वीटो नहीं कर सकता है। हमारे सिद्धांतों को वीटो नहीं कर सकता है। यूक्रेनी लोगों को वीटो नहीं कर सकता है।"

वहीं, वोटिंग से पहले, थॉमस-ग्रीनफ़ील्ड ने कहा कि यूक्रेन पर रूसी हमला" इतना दुस्साहसिक और इतना बेशर्मपूर्ण है कि यह हमारी अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली के लिए एक बड़ा खतरा है जैसा कि हम जानते हैं उन्होंने कहा, "हमारा दायित्व है कि इसे हम बहुत दूर से न देखें...  हमारा दायित्व है कि कम से कम इस पर हम आपत्ति तो करें।"

बता दें कि वर्तमान में रूस सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता कर रहा है। रूस को संयुक्त राष्ट्र महासभा के समक्ष इसी तरह के प्रस्ताव पर एक और वोट का सामना करना पड़ेगा, जिसे पर्याप्त अंतर से पारित किया जा सकता है। हालांकि यह गैर-बाध्यकारी होगा।

परिषद के 15 सदस्यों में से ग्यारह ने निंदा प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जिसे संयुक्त राज्य और अल्बानिया द्वारा संयुक्त रूप से लिखा गया था।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निंदा प्रस्ताव पर भारत के स्टैंड को लेकर भी काफी कयास लगाए जा रहे थे। वोटिंग के साथ इसका भी पटाक्षेप हो गया। भारत ने इससे खुद को दूर रखा। इसका अलावा चीन और यूएई ने भी परहेज किया।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad