बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने चेतावनी दी कि वह देश में अस्थिरता पैदा करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करेगी।
‘डेली स्टार’ अखबार में प्रकाशित खबर के मुताबिक गृह मंत्रालय ने एक परिपत्र जारी कर चेतावनी दी है तथा अति उत्साही एवं स्वार्थी लोगों द्वारा जबरन इस्तीफे, तोड़फोड़, आगजनी, अवैध तलाशी, लूटपाट और जबरन वसूली से पैदा हो रही अस्थिरता पर चिंता व्यक्त की है।
परिपत्र में कहा गया है कि अस्थिरता पैदा करने के लिए कुछ लोग पुलिस पर प्राथमिकी दर्ज करने का दबाव बना रहे हैं और अदालत में आरोपियों पर हमला भी कर रहे हैं। सरकार ने भरोसा दिलाया कि प्राथमिकी दर्ज होने का मतलब यह नहीं है कि मनमाने ढंग से गिरफ्तारियां की जाएंगी।
परिपत्र के मुताबिक, ‘‘इन सभी मामलों की उचित जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी।’’ सरकार ने कहा कि वह सभी उपद्रवियों की पहचान करेगी और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी, चाहे वे किसी भी पार्टी से जुड़े हों।
बांग्लादेश में जुलाई के मध्य में विवादास्पद कोटा प्रणाली के खिलाफ बड़े पैमाने पर छात्र विरोध प्रदर्शन हुए थे। तत्कालीन शेख हसीना सरकार ने 1971 के मुक्ति संग्राम में लड़ने वाले दिग्गजों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत नौकरियां आरक्षित करने का प्रावधान किया था।
छात्रों के नेतृत्व में हुए उग्र आंदोलन की वजह से बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की 76 वर्षीय बेटी एवं तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को पांच अगस्त को इस्तीफा देकर भारत भागना पड़ा।