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भारत की असाधारण विकास गाथा में ‘‘प्रमुख भागीदार’’ बनना चाहता है अमेरिका: पेंटागन

अमेरिका रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन ने कहा है कि अमेरिका न केवल भारत का सुरक्षा साझेदार बनना...
भारत की असाधारण विकास गाथा में ‘‘प्रमुख भागीदार’’ बनना चाहता है अमेरिका: पेंटागन

अमेरिका रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन ने कहा है कि अमेरिका न केवल भारत का सुरक्षा साझेदार बनना चाहता है बल्कि उसकी असाधारण विकास गाथा में ‘‘प्रमुख भागीदार’’ भी बनना चाहता है।

पेंटागन के प्रेस सचिव ब्रिगेडियर जनरल पैट्रिक राइडर ने बुधवार को महत्वपूर्ण उभरती प्रौद्योगिकियों पर हाल में शुरू की गई भारत और अमेरिका की पहल से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए यह टिप्पणी की।

राइडर ने कहा, ‘‘अमेरिका सरकार, अमेरिकी उद्योग और हमारे विश्वविद्यालयों की उच्च स्तर की भागीदारी अभूतपूर्व है तथा यह इस बात का मजबूत संकेत है कि अमेरिका भारत का केवल सुरक्षा साझेदार ही नहीं बनना चाहता, बल्कि वह भारत की असाधारण विकास गाथा में भी अहम भागीदार बनना चाहता है।’’

उन्होंने कहा कि रक्षा विभाग व्हाइट हाउस की अगुवाई में भारत और अमेरिका के बीच ‘इनीशिएटिव फॉर क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी’ (आईसीईटी) के तहत अन्य विभिन्न अमेरिकी एजेंसी और भागीदारों के साथ काम करने के लिए उत्साहित है।

इस बीच, अमेरिका की हिंद-प्रशांत कमान के प्रमुख रहे एडमिरल (सेवानिवृत्त) हैरी हैरिस ने कहा कि अमेरिका को भारत के साथ मिलकर और काम करना चाहिए और नयी दिल्ली में जल्द ही अपना राजदूत भेजना चाहिए। उन्होंने चीन से अमेरिका को खतरे पर संसद में सुनवाई के दौरान यह कहा।

भारत में दो साल से अधिक समय से अमेरिका का कोई राजदूत नहीं है। नयी दिल्ली में किसी अमेरिकी दूत की अनुपस्थिति का यह सबसे लंबा दौर है। बाइडन ने इस पद के लिए लॉस एंजिलिस के पूर्व मेयर एरिक गार्सेटी को नामित किया है, लेकिन सीनेट ने अभी उनके नाम की पुष्टि नहीं की है।

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