अब जब सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, बेटे अभिषेक, बहु ऐश्वर्या राय और उनकी बेटी आराध्या कोरोना पॉजिटिव पाई गई है। वहीं, अभिनेता अनुपम खेर की मां भी कोविड संक्रमित हो गईं हैं। जिसके बाद इन बातों का कयास लगाना लाजिमी है कि ये स्टार्स कोरोना से कैसे संक्रमित हुएं। यह परिवार के किसी एक सदस्य के माध्यम से हो सकता है जो किसी काम से बाहर गए हो और किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में या उसके जरिए वायरस के संपर्क में आए हो। यह सोचना असंभव है कि अमिताभ बच्चन, जो खुद वीडियो में लोगों से एहतियात बरतने को कहते थे। लोगों को जागरूक करते हैं। उन्हें भी यह खतरनाक वायरस संक्रमित कर देता है।
ये बात एक बार फिर हमलोगो को दिमाग में लाने की जरूरत है कि बुजुर्ग लोगों को ज्यादा एहतियात की जरूरत है। क्योंकि, हर दिन किसी-न-किसी काम से हम सभी लोगों को बाहर जाना पड़ता है। इसलिए युवा परिवार के लोगों को इस बात की सतर्कता बरतनी चाहिए, ताकि वो उनके संपर्क में कम-से-कम आएं। कमजोर इम्यूनिटी और अन्य बिमारियों की वजह से बुजुर्गों को इस महामारी का खतरा अत्यधिक है।
कुछ बातों पर हमें ध्यान देने और सावधानी बरतने की जरूरत है और ऐसा कर हम सुरक्षित रह सकते हैं।
घर के अंदर जाने से पहले खुद को सेनेटाइज करें: यदि आप हर दिन के कामों से या अन्य किसी कारण से बाहर जाते हैं तो घर आते ही सबसे पहले खुद को सेनेटाइज करें। अपने जूते को गेट से दूर हीं खोल दे, क्योंकि कुछ वायरोलॉजिस्ट यह मानते हैं कि वायरस जूते के माध्यम से भी घर में प्रवेश कर सकता है। परिवार के किसी भी सदस्य या बच्चों के साथ बातचीत करने से पहले, साबुन लगाकर स्नान करें।
जिसे छूए उसे सेनेटाइज करें: जब भी घर से बाहर निकले और वापस आएं तो खुद को एक संक्रमित व्यक्ति की तरह व्यवहार करें। ऐसा तब तक करें जब तक कि आप साबुन लगाकर स्नान और अपने हाथों को साफ न कर लें। कुछ भी छूने से पहले सतर्क रहें। राजस्थान के सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. रमन शर्मा कहते हैं, जैसा कि हम जानते हैं कि संक्रमण का एकमात्र स्रोत वह व्यक्ति हो सकता है जो बाहर जा रहा है। इसलिए उन्हें विशेष रूप से सावधानी बरतने की जरूरत है, जहां 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग रहते हैं। हल्का-सा स्पर्श कोविड-19 को फैलाने के लिए काफी है।
घर पर बुजुर्गों से सामाजिक दूरी बनाए रखें: आईसीएमआर और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार लोगों से घर पर सामाजिक दूरी बनाए रखने की सलाह दे रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि सामाजिक संतुलन सबसे अच्छा टीका है। दिल्ली एम्स के लेबोरेटरी मेडिसिन विभाग के डॉ. राजीव रंजन कहते हैं, पुराने लोगों के मामले में, मुझे लगता है कि इसका निशिचित रूप से पालन किया जाना चाहिए। अपने बूढ़े माता-पिता के करीब न जाएं क्योंकि आप उनके लिए संक्रमण का कारण बन सकते हैं। दूरी बनाते हुए ही उनसे बातचीत करें।
उन पदार्थों को छूने से रोके जिसे आप घर लेकर आएं हैं: विशेषज्ञ मानते हैं कि फल, सब्जियों और अन्य लाई जाने वाली वस्तुएं कोविड-19 के प्रसार का कारण बन सकता है। इस बात के कोई पुख्ता सबूत अब तक नहीं मिले हैं कि कितने समय तक ये वायरस सतह पर जिंदा रहता है। इसलिए सलाह दी जाती है कि जो वस्तुएं आप लेकर आएं उन्हें अच्छी तरह से सेनेटाइज करें। यदि कोई ऐसी चीजें जो लगता है कि सेनेटाइज नहीं किया जा सकता है, उसे तीन-चार दिनों के लिए घर के बाहर हीं रहने दे। कई सारी स्टडी से पता चला है कि ये वायरस किसी भी तरह के सतह पर तीन दिनों से ज्यादा समय तक जिंदा नहीं रह सकता है।
अपने घर को अच्छी तरह से हवादार बनाएं रखें: रिसर्च के मुताबिक कभी-कभी संक्रमित व्यक्ति के खांसने व छींकने से बहुत छोटे आकार में वायरस हवा में तैरता रहता हैं। यदि कमरा अच्छी तरह हवादार है, तो यह पर्यावरण में शुद्ध हवा के साथ साफ हो सकता है। इस वक्त वातानुकूलित कमरे का उपयोग करना उपयुक्त नहीं है क्योंकि यह वायरस को निकलने नहीं देता है।
आवश्यकता पड़ने पर घर पर और जरूरत के मुताबिक मास्क अवश्य पहनें: मास्क मुंह या नाक के माध्यम से वायरस को प्रवेश करने से रोकने में मदद करता है। बुजुर्ग माता-पिता के साथ बातचीत करते समय अपने मुंह और नाक को ढंकने के लिए मास्क या किसी कपड़े का इस्तेमाल करें या उन्हें ऐसा करने के लिए कहें। डॉ. शर्मा मानते हैं कि जोर से बोलने पर वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंच सकता है इसलिए मास्क इससे बचने में मदद करता है। हालांकि, घर पर एक सर्जिकल मास्क का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।